डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का जीवन परिचय | Dr. Vikas Divyakirti Biography in Hindi
नमस्कार दोस्तों, आज के इस आर्टिकल में हम डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का जीवन परिचय | Dr. Vikas Divyakirti Biography in Hindi जानने वाले है, जिन्होंने IAS ऑफिसर की नौकरी छोड़कर एक शिक्षक के रूप में अपना जीवन बिताने का फैसला किया.आज सिविल सेवा की तैयारी के लिए डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति को सबसे बेहतरीन शिक्षक माना जाता है। ऐसा लोगों का कहना है कि अगर कोई Student विकास सर की बताई हुई बातों का निर्देशों पालन करता है तो कुछ महीने के अंदर वह UPSC की परीक्षा पास करने में सफतला प्राप्त कर सकता है।
Dr Vikas Divyakirti :- आज हम अपने इस महत्वपूर्ण लेख में डॉ विकास दिव्यकीर्ति के बारे में ही विस्तार पूर्वक से चर्चा करेंगे। दृष्टि IAS कोचिंग इंस्टीट्यूट के संस्थापक डॉ विकास दिकीव्यर्ति ने IAS ऑफिसर बनने के महज 1 साल बाद अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया और IAS ऑफिसर की जगह शिक्षक बन गए. आज वो UPSC परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए द्रोणाचार्य से कम नहीं हैं. छात्र देश की सबसे कठिन परीक्षा को पास करने के लिए लाखो स्टूडेंट सपना लेकर दिल्ली आते हैं
डॉ विकास दिव्यकीर्ति के विषय में संक्षिप्त जानकारी
नाम | डॉ विकास दिव्याकृति |
जन्मस्थान | हरियाणा |
जन्मतिथि | 26 दिसंबर 1973 |
उम्र | 46 वर्ष |
कार्य | शिक्षक और लेखक |
प्रचलित होने का कारण | दृष्टि कोचिंग संस्था के शिक्षक |
शिक्षा | BA, MA, Mphill, PhD, LLB |
पत्नी | तरुण दिव्यकृति वर्मा |
बच्चे | शाश्वत दिव्यकीर्ति |
कोचिंग संस्थान का | दृष्टि कोचिंग सेंटर |
डॉ विकास दिव्यकीर्ति
डॉ विकास दिव्यकीर्ति ये वो नाम है जिसके बारे में आज हर कोई जानना चाहता है. डॉ. विकास दिव्यकीर्ति भारत के माने जाने आईएएस कोचिंग के संस्थापक और एक लेखक हैं. डॉ विकास दिव्यकीर्ति का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ है, डॉ विकास दिव्यकीर्ति का जन्म 26 दिसंबर 1973 हरियाणा में हुआ था। विकास दिव्यकीर्ति के माता-पिता हिंदी साहित्य के प्रोफ़ेसर थे. जिसकी वजह से शुरुआत से ही इनका लगाव भी हिंदी की तरफ रहा. डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से BA, हिंदी साहित्य में MA, M.Phil और PhD की है. इसके अलावा इन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय और भारतीय विद्या भवन से अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद में पोस्ट ग्रेजुएट भी किया है.
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का शुरूआती करियर
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति मात्र 17 साल की उम्र में सेल्समैन का काम करना शुरू कर दिया था. अपने बड़े भाई के साथ घर घर जाकर कैलकुलेटर बेचा करते थे.सेल्समैन का काम करने के दौरान ही यूनिवर्सिटी में डिबेट प्रतियोगिता से पैसे कमाना शुरू किया. साल भर में 30 से 40 डिबेट को जीतकर अच्छा पैसा कमा लेते थे. तब इन्होने सेल्समैन की जॉब छोड़ दी.इसके बाद एक प्रिटिंग की कंपनी में काम करना शुरू किया. वहा से प्रिंटिंग के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद अपने बड़े भाई के साथ मिलकर प्रिटिंग का बिजनेस चालू किया.इसके बाद इन्होने कई इंस्टिट्यूट और कॉलेज में पढ़ाया और साल 1999 में दृष्टि आईएएस कोचिंग की शुरुआत की.
डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने 1996 UPSC परीक्षा पास की
डॉ विकास दिव्यकीर्ति ने अपने जॉब की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय से की और वर्ष 1996 में Dr. Vikas Divyakirti ने यूपीएससी की पहली एटेम्पट में सफलता हासिल की थी. इन्होंने अपनी पहली एटेम्पट में 384 रैंक हासिल करते हुए मिनिस्ट्री ऑफ होम अफेयर्स की पद प्राप्त की थी.पहली एटेम्पट में इतनी अच्छी रैंक लाने के बाद भी वह अपनी पोस्ट से संतुष्ट नहीं थे इसलिए इसके बाद उन्होंने तीन और एटेम्पट लगाए। इनका चौथा एटेम्पट ही आखिरी एटेम्पट था जिसके बाद उन्होंने अपना टीचिंग करियर शुरू किया मुखर्जी नगर में। लेकिन शिक्षक के रूप में बच्चों को पढ़ाना डॉ विकास को ज्यादा पसंद था, जिसकी वजह से उन्होंने एक साल में ही अपनी नौकरी से इस्तीफा दे दिया.
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति का सर्विस करियर
2 जून 1999 को केंद्रीय सचिवालय में सर्विस ज्वाइन की. 4 महीने की दिल्ली में ही ट्रेनिंग हुई इसके बाद गृह मंत्रालय में राज भाषा विभाग में सेक्शन ऑफिसर के पद पर काम करने का मौका मिला. सिर्फ 6 महीने गृह मंत्रालय में काम किया और इसके बाद इस्तीफा दे दिया.
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति की पारिवारिक संबंध
डॉ विकास दिव्यकीर्ति का शादी 1997 मे डॉ तरुणा वर्मा के साथ हुई। उनके शादी के 25 साल पूरे हो गए हैं। उनका एक बेटा है, जिनका नाम सात्विक दिव्यकीर्ति है। डॉ विकास दिव्यकीर्ति का बेटा सात्विक दिव्यकीर्ति 10वीं मे अध्ययन कर रहे हैं। उन्हें शेर और शायरी में काफी रूचि है। डॉ विकास दिव्यकीर्ति की पत्नी (विकास दिव्यकीर्ति wife) डॉ तरुणा वर्मा वर्तमान में दृष्टि कोचिंग संस्थान की मैनेजिंग डायरेक्टर है।
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति तीन भाई हैं और इनके माता-पिता भी स्कूलों में टीचर रह चुके हैं। इनके पिता हरियाणा के रोहतक में स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक एफिलिएटिड कॉलेज में हिंदी के प्रोफेसर रहे हैं और इनकी माता हरियाणा के ही इंटर लेवल के स्कूल की लेक्चरर रह चुकी है।
डॉ विकास दिव्यकीर्ति सर की उपलब्धियां
डॉ विकास दिव्यकीर्ति एक बहुत ही लोकप्रिय प्रशिक्षक है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके बहुत बड़ा नाम है। वर्तमान समय में भारतीय सिविल सेवा के तैयारी में जुटे सभी छात्र-छात्रा उनको परम गुरु द्रोणाचार्य मानते हैं। डॉ विकास दिव्यकीर्ति का महत्वपूर्ण उपलब्धियां इस प्रकार है।
- 24 साल की उम्र में कोचिंग की शुरुआत करने वाले विकास सर आज के समय में IAS की तैयारी कराने वाले में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध शिक्षक हैं।
- डॉ विकास दिव्यकीर्ति एक बेहतरीन व्यक्तित्व वाले शिक्षक तथा लेखक है।
- इसके अलावा विकास दिव्यकीर्ति BA, MA, MPhil, LLB, PhD जैसी विभिन्न प्रकार की डिग्रियों को हासिल किया है।
- हिंदी माध्यम से साहित्य में ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन तथा पीएचडी (PHD ) की डिग्री प्राप्त कर चुके है।
- इसके साथ साथ इन्होने समाजशात्र विषय में नेट (NET) की परीक्षा पास की।
- UGC की परीक्षा पास करके JRF लिस्ट में नाम दर्ज करवा चुके है।
- भारतीय लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करके 1996 में IAS के पद पर नियुक्त हो चुके है।
- भारत की सबसे कठिन माने जाने वाली यूपीएससी की सीएसई परीक्षा को विकास सर ने दो बार पास किया है।
- डॉ विकास दिव्यकीर्ति का एक यूट्यूब चैनल भी है जिसपर वर्तमान समय में 7 मिलियन से ज्यादा सब्सक्राइब हैं।
- डॉ विकास दिव्यकीर्ति सर के पास 5 से अधिक डिग्री मौजूद है।
- डॉ विकास दिव्यकीर्ति का दृष्टि कोचिंग संस्थान भारत के 5 टॉप IAS कोचिंग सस्थानो में से एक है।
- विकास दिव्यकीर्ति आईएएस दृष्टि आईएएस संस्थान के फाउंडर हैं।
दृष्टि कोचिंग संस्थान
डॉ विकास दिव्यकीर्ति 1996 भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा में पास करके आईएएस(IAS) के पद पर नियुक्त हुए। लेकिन उनका मन सिविल सर्विस से अधिक पढ़ाने में था, जिस वजह से उन्होंने कुछ ही महीनों के अंदर आईएएस के पद से इस्तीफा दे दिया और उन्होंने यह निश्चय किया कि वे अब बच्चों को पढ़ाएंगे। इसके लिए उन्होंने एक छोटी सी कोचिंग संस्थान शुरुआत की जिसमें वे विद्यार्थियों को भारतीय सिविल सेवा की परीक्षा पास करने के लिए तैयारी करवाते थे। डॉ विकास दिव्यकीर्ति के पढ़ाने के अनोखे अंदाज़ के कारण विद्यार्थीयों का उनके प्रति आकर्षण बढ़ने लगा और धीरे-धीरे करके उनके कोचिंग संस्थान में पढ़ने वालों की संख्या बहुत अधिक हो गई। इतने अधिक विद्यार्थियों को संभालने के लिए विकास सर ने दृष्टि कोचिंग संस्थान के नाम से एक IAS कोचिंग संस्थान आरंभ किया। शुरुआत में थोड़ी मुश्किल अवश्य हुई लेकिन जब 2017 में उन्होंने अपने कोचिंग की वीडियो यूट्यूब पर डालना शुरू किया तो उन्हें देखकर विद्यार्थियों के मन में आईएएस (IAS) जैसी परीक्षा के लिए आकर्षण बढ़ने लगा। इसी वजह से में पढ़ने वाले विद्यार्थीयो की संख्या बढ़ने लगी।
दृष्टि द विजन संस्थान
कोचिंग संस्थान का नाम — दृष्टि कोचिंग सेंटर , कोचिंग के संस्थापक — डॉक्टर विकास दिव्यकीर्ति
संस्थान स्थापित — 1999
ऑफिशियल वेबसाइट — www.drishtiias.com
संस्थान पता (Adress) – – www.drishtiias.com/eng/classroom-program/delhi-coaching-centre Address:- Office Address. Drishti The Vision Foundation 641, 1st Floor, Dr. Mukherjee Nagar, Opp Signature View Apartment, New Delhi – 110009
Hours:- 10am–6:30pm Drishti IAS, Mukherjee Nagar, Saturday hours
2017 में शुरू किया यूट्यूब चैनल
डॉ विकास दिव्यकीर्ति का यूट्यूब पर दृष्टि आईएएस के नाम से यूट्यूब चैनल है, जिसके लगभग 90 लाख सब्सक्राइबर्स हैं. इंस्टाग्राम पर उनके 10 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. डॉ. विकास दिव्यकीर्ति दृष्टि आईएएस कोचिंग इंस्टीट्यूट के मालिक है.
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FAQ –
- डॉ विकास दिव्यकीर्ति आईएएस की नौकरी क्यों छोड़ी?
विकास सर को आईएएस की नौकरी करने से ज्यादा रोचक लोगों को पढ़ाने का कार्य लगा जिस वजह से उन्होंने नौकरी छोड़ कर शिक्षण को अपना व्यवसाय बनाया।
2. डॉ विकास दिव्यकीर्ति की पत्नी का नाम क्या है?
डॉ विकास दिव्यकीर्ति की पत्नी का नाम तरुणा दिव्यकृति वर्मा है जिनसे उनकी शादी 1998 में हुई थी।
3. डॉ. विकास दिव्यकीर्ति कितने वर्ष के हैं?
Dr. Vikas Divyakirti 49 वर्ष के हैं।
4. विकास दिव्यकीर्ति आईएएस कौन है?
IAS की नौकरी छोड़ कोचिंग की दुनिया में आए
डॉ विकास दिव्यकीर्ति का जन्म हरियाणा के मध्यम वर्गीय परिवार में 26 दिसंबर 1973 को हुआ। उनके माता-पिता दोनों ही हिंदी साहित्य के प्रोफेसर रहे। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीए किया।
5. दृष्टि आईएएस कोचिंग का मालिक कौन है?
डॉक्टर दिव्यकीर्ति दिल्ली विश्वविद्यालय और भारतीय विद्या भवन से अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद में पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया है. साथ ही उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से हिंदी साहित्य में एमए, एमफिल और पीएचडी की है. दिव्यकीर्ति ने 1999 में ‘दृष्टि आईएएस’ कोचिंग की स्थापना की थी.
Conclusion
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