डमरू कभी भी बज सकती हैं ! छात्रो के लिए एक सलाह ! Hindi Story

डमरू कभी भी बज सकती हैं !

परीक्षा नही हुई लेकिन आज नही तो कल होगी , स्कूल कॉलेज कभी न खुले ऐसा नही होगा अभ्यास करते रहोगे तो कोई पछ्तावा नही होगा.
 
कोरोना महामारी के चलते सभी स्कूल और कॉलेज बंद पड़े हैं जिसके चलते विद्यार्थियों में लापरवाही बढ़ती जा रही है इसी के चलते कोलकाता के एक स्कूल में पुराणों में लिखित एक कहानी सुनाई गई , और इसी कहानी के साथ ही सभी विद्यार्थियों को एक सिख एक सलाह दी गई कहानी कुक यू थी कि..
 

एक बार देवराज इंद्र किसानों से नाराज हो गए और उन्होंने घोषणा कर दी कि अगले 12 सालो तक बारिश नही होगी , आप फसल नही उगा पाएंगे ये सुन कर सभी किसानो नें भगवान इन्द्र से अरजी विनती की ! 

किसानो की बात को सुनते हुए भगवान इन्द्र ने बड़ी ही चालाकी से बारिस न होने का सारा श्रेय भगवान शिव के ऊपर डाल दिया और कहा ही जब भगवान शिव अपना डमरू बजायेंगे तभी बारिस होगी ! 

लेकिन इन्द्र देव भगवान शिव से पहले ही गुप्त रूप से चर्चा कर चुके होते है,और उनसे किसानों के साथ सहमत न होने के लिए भी अनुरोध कर चुके होते है , जब सभी किसान भगवान शिव के पास बारिश की विनती के लिए गए . 

 

भगवान शिव ने भी कह दिया कि बारिश तभी होगी जब मैं 12 साल बाद तो अपनी डमरू को जाऊंगा, निराश होकर वापस लौटते हुए किसानों ने यह फैसला किया कि वह 12 साल तक इंतजार करेंगे लेकिन उनमें से एक किसान वापस लौट कर नियमित रूप से अपना काम कर रहा था.
 
खेती कर रहा था बीज भी बो रहा था और यह देखकर अन्य किसान उसका मजाक भी उड़ा ले लग गए कुछ किसानों ने उससे यह भी कहा कि आप व्यर्थ में क्यों अपना समय और अपनी ऊर्जा खर्च कर रहे हैं जबकि आपको पता है कि अगले 12 साल तक बारिश नहीं होने वाली. उसके सामने जवाब दिया – कि मुझे पता है कि बारिश के बिना मेरी फसल नहीं आएगी !

 

लेकिन मैं यह सब काम अभ्यास के तौर पर कर रहा हूं मुझे पता है मैं 12 साल बाद खेती करना भूल जाऊंगा. शरीर के काम करने की आदत छूट जाएगी और शरीर आलस का आदि हो जाएगा इसीलिए मैं अभ्यास करता रहता हूं ताकि 12 साल बाद बारिश हो तो मुझे काम करने में कोई परेशानी ना हो !

और यह बात देवी पार्वती सुन रही होती है और यह बात जाकर शिव जी को बताते हुए कहती है ” आप भी 12 साल बाद डमरू बजाना भूल सकते हैं ” और यह बात सुनकर शिवजी भी चिंतित हो गए और उन्होंने मन में सोचा कि कहीं मैं डमरु बजाना भूल तो नहीं गया , शिवजी डमरू बजाने की कोशिश की है और कोशिश करते हुए जैसी ही डमरू की आवाज आई वैसे ही आसमान से बारिश होना शुरू हो गई और जो किसान नियमित रूप से काम कर रहा था उसका फसल हरा भरा हो गया !

लेकिन बाकी इंतजार करते हुए किसानों को यह देखकर पछतावा हुआ क्योंकि उन्होंने अभ्यास करना छोड़ दिया था और ना ही खेतों की मरम्मत की थी और ना ही उनमें बीज डाला था, किसी तरह 2 सप्ताह बाद 2 महीने बाद या 2 साल बाद लगभग समाप्त हो जाएगा पल्स के साथ ही कोरोनावायरस खत्म हो जाएगी ! तो आप उस वक्त का इंतजार करते रह जाएंगे इस से अच्छा है कि आप जिस कक्षा में है जिस भी फील्ड में है उसका अभ्यास जारी रखें , पुस्तकों का अध्ययन करके अपने कौशल को तेज करें अपने जीवन में बदलाव लाएं ! आपके पास जो ज्ञान है उसे और बढ़ाएं और आप सोचिए कि आप उस चीज को कैसे और बेहतर कर सकते हैं …

क्योंकि डमरू कभी भी बज सकता है अभ्यास ही सफलता का सार है, अभ्यासी है जो आपको किसी भी क्षेत्र में पूर्ण बनाता है ! अगर आप अभी अपनी लापरवाही को छोड़कर की निरंतर अभ्यास करते रहते हैं तो जब भी परीक्षा देने का समय आएगा तब आप और उसे आगे होंगे और उससे बेहतर करेंगे क्योंकि आप उस में निपूर्ण हो जाए रहेंगे इसके साथ ही आप अपनी हर चुनौती और हर क्वेश्चन का जवाब देने के लिए बिल्कुल तैयार रहेंगे !!

अपना ध्यान रखे और अपनों का भी ध्यान रखे क्योकि कोरोना महामारी गया नही है , करने की कोशिश करें ताकि आप भी और अन्य भी सुरक्षित रह सके !

और नियमित रूप से अभ्यास करते रहें क्योंकि डमरु कभी भी बच सकता है !!

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