Ego क्या होता है | Ego के नुकशान | Ego kya hai

आपका अहंकार आपको खोखला करता है 

एक मनुष्य का अहंकार(Ego) उसे अन्दर से खोखला करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है. अहंकार(Ego) हमारे आखो पर पट्टी बाँध देता है और हम अपने ही विचारो में भटक कर रह जाते है और अहंकार(Ego) हमें अंधा बना देती है.और अहंकार(Ego) से आपको नुकशान(Damages of Ego)जो आपको अन्दर से खोखला कर देता है, और इसी लिए आपको अहंकार से दूर रहना चाहिए.

इस आर्टिकल में हाँ जानने वाले है:-

  • अहंकार क्या है?(What is Ego)
  • अहंकार के उदाहरण(Example Of Ego)
  • अहंकार के नुकशान (Damages Of Ego)

अहंकार क्या है?(What is Ego):-

Ego ka matlab kyaa hota hai आचार्य चाणक्य ने अपने कई नीतियों में अहंकार को परिभाषित किया है अहंकार(Ego) की परिभाषा(Definition of Ego) जाने तो- “ अहंकार एक ऐसी सोच व् मानशिकता है जो हमारे सोच और ज्ञान को शिमित कर देता है और हम अपने द्वारा बनाये गए सिद्धांतो और अपने ही बातो में जीते है उअर उसपर हमें घमंड भी हो जाता है ”

अहंकार के उदाहरण(Example  of  Ego):-

“ यदि आपको ऐसा लगता है की आप सब जानते है तो यह आपकी ज्ञान की सीमा को बताता है और आप कभी भी नयी चीजो को नहीं सिख सकते है” – आचार्य चाणक्य

इन  शब्दों में एक  मनुष्य के अहंकार(Ego) को बताया गया है, जिसमे आचार्य चाणक्य बताते है की यदि आप अहंकार(Ego) वश यह कहते या सोचते है की मुझे सब पता है, मुझे सब आता है तो यह सोच आपके आगे सिखने की इच्छा को मार देती है और आप जीवन में हमेशा एक ही जगह पर रह जाते है.

अहंकार के नुकशान (Damages Of Ego):-  

वैसे देखा जाय तो अहंकार के नुकशान तो हजारो है पर हम उन अहंकार के नुकशान को जानेंगे जो हम अपने निजी जीवन और रोजमर्रा के दिनचर्या में देखते है.

ज्ञान और अहंकार(knowledge and Ego):-

अहंकार(Ego) और ज्ञान का संबंध – दोस्तों यह बात तो सच है की किसी भी इन्शान को सारी चीजो की जानकारी हो पर अहंकारवश आधे ज्ञान का बखान करना हमें हमेशा मुशीबत में डालता है, आपने हिंदी की एक कहावत तो सुनी ही होगी “अधजल गगरी छलकत जाय” इस लाइन का मतलब है की आधा ज्ञान व्यक्ति अपने ज्ञान का ज्यादा बखान करता है वह उन चीजो को भी ऐसे दिखाने की कोशिस करता है जो उसे आती ही नहीं.अहंकार आपके ज्ञान को अधूरा करता है इस लिए इससे बचे और ज्ञान पूरी लेने की कोशिस करें.

व्यवहार और अहंकार (Behavior and Ego):-

अहंकार(Ego) से व्यवहार की बात करें तो यदि आप एक बिज़नसमेन है या फिर एक जॉब करने वाले या फिर एक स्टूडेंट व्यवहार का महत्त्व क्या होता है और इसका हमारे जीवन में क्या फर्क पड़ता है. हमारा व्यवहार हमें हमारे आस-पास के लोगो से जोड़ने का काम करता है और यह बताता है की हमारे आस-पास के लोगो के लिए हम कितना मायने रखते है. हमारा अहंकार हमारे व्यवहार को खराब  करता है.

खुद को श्रेष्ठ दिखाना(Show Oneself):-

आपने भी देखा होगा की ऐसे लोग अपने किये कामो पर पर्दा डालने की कोशिस करते है जो काम वो लोगो से छुपाना चाहते है. क्योकि वो भी जानते है अपने कामो को की वह गलत है. ऐसे लोग  जो अहंकार(Ego) से ग्रसित रहते है वे अपने ही सोच में अपनी एक अलग दुनिया बनाते है और खुद को श्रेष्ट समझते है, आचार्य चाणक्य कहते है की ऐसे लोग कभी अपने जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते.

अहंकार और रिश्ते (Ego and Relationship):- 

शब्दों की ताकत आज कौन नहीं जानता है, हमारे द्वारा कहें जाने वाले एक एक शब्द तीर की तरह होता है जिसे एक बार छोड़ दिया जाय तो उसे वापस नहीं लाया जा कसता है.

जब व्यक्ति अहंकार(Ego) में होता है तो ज्यादातर मामलो में उसे माहि पता होता की वह क्या बोल रहा है. और इन्ही कुछ शब्दों की वजह से हम आपसी मतभेद कर बैठते है और अपनों से रिश्ते कमजोर कर बैठते है.

तो दोस्तों आपका अहंकार(Ego) आपको हमेशा गर्त में ले जाता है और आपका हमेशा नुकशान ही होता है तो अहंकार क्या है? अहंकार के नुकशान जानने के बाद आप समझ गए होंगे की विनम्रता श्रेष्ठ है अहंकार से.

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