Eye कांटेक्ट क्या होता है | Eye contact kya hota hai

आई-कॉन्टैक्ट क्या होता है ?महत्वपूर्ण टिप्स 

Eye contact kya hota hai ?

आई-कॉन्टैक्ट यानी नजरों से नजरें मिलाकर बात करना प्रभावी कम्युनिकेशन के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। अगर आप सफल होना चाहते हैं, तो आपको इसका तरीका सीखना होगा ।

आपके बात करने के तरीके से सामने वाले व्यक्ति को यह पता चल जाता है कि आप उसकी बात को कितनी ध्यान दे रहे हैं। आंख में आंख मिलाकर बात करना सफल व्यक्त्वि के लिए जरूरी है लेकिन आपको यह बात ध्यान में रखनी होगी कि आप यदि बहुत ज्यादा यानी लगातार आई-कॉन्टैक्ट रखते हैं, तो इसे आक्रामक माना जाता है और साथ ही साथ यह अजीब भी प्रतीत कराता है ।

यह एक ऐसी कला  है, जिस पर लोग अक्सर गौर नहीं करते और इसे नजरअंदाज कर देते हैं। आपको यह बात गौर करनी चाहिए कि जितने भी सफल सेल्स पर्सन, राजनीतिज्ञ या अच्छे सार्वजनिक वक्ता होते हैं, वे आई-कॉन्टैक्ट के मास्टर होते हैं और ऐसे लोग आपने भी अपने आस पास में कही न काही जरूर देखा होगा ।

इसे भी पढ़े – सही निर्णय कैसे ले? How to take right decision?

रूप रेखा-

  1. जब ग्रुप से कर रहे हों बात
  2. जब किसी एक व्यक्ति से हो बात
  3.  किसी की बात सुननी हो तो

आई-कॉन्टैक्ट का महत्व- Eye contact kya hota hai

अक्सर दुकानदार लोगों की नजरें पढ़ने में माहिर होते हैं। वे आई-कॉन्टैक्ट कला  का इस्तेमाल कर ही मनोवैज्ञानिक  तरीके से यह समझ जाते हैं कि ग्राहक को कौन-सा सामान पसंद है। जब कोई ग्राहक किसी वस्तु की ओर आकर्षित होता है, तो उसकी पुतलियां फैल जाती हैं, जो सेल्समैन के लिए ग्राहक का मन पढ़ने का प्रमुख संकेतक होता है।

इसलिए आप यह समझ सकते हैं कि आई-कॉन्टैक्ट किसी कम्युनिकेशन के लिए कितना मायने रखता है। इस तरह आप आई-कॉन्टैक्ट का इस्तेमाल दैनिक जीवन में अपने फायदे के लिए कर सकते हैं। बस, कुछ चीजों का आपको ध्यान रखना होगा। जब आप किसी से तर्क-वितर्क करें बात चित करे , तो आप उसे एकटक देख सकते हैं लेकिन जब आपको किसी की बात स्वीकार कर लेनी हो, तो अपनी नजरें नीची कर लेनी चाहिए।

जाने अलग अलग जगहों पर आई कांटेक्ट का उपयोग किस तरह से किया जाता है !

जब ग्रुप से कर रहे हों बात-

जब आप कई लोगों से किसी ग्रुप में बात कर रहे हों, तो आपकी नजरें सभी सुनने वालों से बारी-बारी से मिलनी चाहिए। सिर्फ किसी एक व्यक्ति से आई-कॉन्टैक्ट रखने की गलती बिल्कुल न करें। इससे ग्रुप से सभी सदस्यों में आपकी बात सुनने की रुचि नहीं रहेगी।

जब किसी एक व्यक्ति से हो बात-

किसी एक व्यक्ति से बातचीत कर रहे हों, तो आई-कॉन्टैक्ट रखना आपके लिए आसान होता है। मगर इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप उसे लगातार गहराई से घूरेंगे, तो वह असहज हो जाएगाऔर यहा आपके लिए सामने वाले का सोच भी बदल सकता है ।

इसके लिए अच्छा तरीका यह है कि आप हर पांच-दस सेकंड पर एक बार नजरें थोड़ी इधर-उधर कर लें। मगर आई-कॉन्टैक्ट तोड़ते समय नजरें नीची न करें क्योंकि इससे ऐसा लगेगा कि आपकी बात खत्म हो गई है। इसके बजाय कुछ सेकंड ऊपर की ओर कहीं देख लें या कुछ सोचने की मुद्रा में रहें।

किसी की बात सुननी हो तो

जब आप किसी की बात सुन रहे हों, तो इस बात का ध्यान रखना होगा कि उसे लगातार घूरते न रहें। इससे सामने वाले के लिए बात करना मुश्किल हो सकता है।

एक अच्छा तरीका यह हो सकता है कि आप पांच सेकंड तक उसकी एक आंख की तरफ, फिर पांच सेकंड तक दूसरी आंख की तरफ और उसके बाद पांच सेकंड तक मुंह की ओर अपनी नजरें करते रहें। यानी आपकी नजरें एक त्रिकोण में घूमती रह सकती हैं।

इसे भी पढ़े – परेशानियों में भी खुश कैसे रहे ?

जब तर्क-वितर्क करना हो-

जब आप किसी से तर्क-वितर्क कर रहे हों, तो उसे टकटकी लगाकर देखते रहने से आपकी मजबूती पता चलती है। अगर तर्क करते समय आपकी नजरें कहीं और रहेंगीं, तो ऐसा माना जाएगा कि आप हार रहे हैं और साथ ही आपका कॉन्फिडेंस  भी गिरता हुआ दिखाई देने लगता है ।

तो दोस्तों मै उम्मीद करता हु की आपको ऊपर बताये गए सारी बाते आसानी से और अछे से समझ में आ गयी होगी और इतनी जानकारी होने क साथ आप आई-कांटेक्ट के मामले में भी माहिर हो जायेंगे , जानकारी पढ़ने के लिए धन्यवाद इस जानकारी को शेयर जरूर करे !!

इन्हें भी पढ़े-

Leave a Comment