छत्तीसगढ़ राज्यपाल का जीवन परिचय | Governor Mr. Bishwabhushan Harichandan Biography

छत्तीसगढ के मनोनीत राज्यपाल श्री बिस्वाभूषण हरिचंदन का जीवन परिचय इस प्रकार है:-

हम इस आर्टिकल में छत्तीसगढ़ राज्यपाल का जीवन परिचय | Governor Mr. Bishwabhushan Harichandan Biography के बारे में जानेंगे. बिस्वाभूषण हरिचंदन का जन्म एक साहित्यकार नाटककार स्वतंत्रता सेनानी के घर में 3 अगस्त 1934 में हुआ है. पिता परशुराम हरिचंदन ओड़िशा के बड़े साहित्यकार है. बिस्वा भूषण का जन्म ओड़िशा के खोरधा जिले में हुआ है. बिस्वा की पढ़ाई एससीएस कॉलेज पूरी से अर्थशास्त्र में ओनर्स की डिग्री, एमएस लॉ कॉलेज कटक से एलएलबी की डिग्री बिस्वा ने ली है. इसके बाद बिस्वा ने 1962 में उच्च न्यायालय बार और 1971 में भारतीय जनसंघ में शामिल हुए है. बिस्वा भूषण की पत्नी  श्रीमती सुप्रभा हरिचंदन है. बिस्वा भूषण के दो पुत्र श्री पृथ्वीराज हरिचंदन और श्री प्रसनजीत हरिचंदन है. बिस्वा भूषण जी कड़ी मेहनत के बल पर एक और एक राजनीतिक नेता के रूप में अब ओड़िशा के साथ देश में मंझे हुए राजनेता हैं.

छत्तीसगढ़ राज्यपाल का जीवन परिचय | Governor Mr. Bishwabhushan Harichandan Biography
छत्तीसगढ़ राज्यपाल का जीवन परिचय | Governor Mr. Bishwabhushan Harichandan Biography

छत्तीसगढ़ राज्यपाल का जीवन परिचय | Governor Mr. Bishwabhushan Harichandan Biography

आंध्रप्रदेश के 4 साल से राज्यपाल रह चुके बिस्वा भूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का नया राज्यपाल बनाया गया है. बिस्वा भूषण ओड़िशा के रहने वाले हैं. ओड़िशा छत्तीसगढ़ का पड़ोसी राज्य है. दोनों राज्यों के सांस्कृतिक समानता है. इस लिहाजा ओड़िशा के बिस्वा भूषण हरिचंदन को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल बनाया जाना कई मायनों में खास है.

छत्तीसगढ़ राज्यपाल का जीवन परिचय | Governor Mr. Bishwabhushan Harichandan Biography

  • श्री हरिचंदन एक प्रतिष्ठित स्तंभकार हैं जिन्होंने समकालीन राजनीतिक मुद्दों, ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मामलों पर कई लेख लिखे हैं जो ओडिशा के सभी प्रमुख समाचार पत्रों और दिल्ली के कुछ अंग्रेजी साप्ताहिकों में प्रकाशित हुए हैं।
  • श्री हरिचंदन हमेशा मानवाधिकार, लोकतंत्र, लोकतांत्रिक मूल्यों, नागरिक-अधिकारों, विशेष रूप से दलितों के अधिकारों और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी हैं।
  • ओडिशा में योद्धाओं और स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार से आने वाले, श्री विश्वभूषण हरिचंदन, 1962 में ओडिशा के उच्च न्यायालय बार और वर्ष 1971 में भारतीय जनसंघ में शामिल हुए। उन्होंने काफी कम समय में अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के बल पर एक वकील और एक राजनीतिक नेता के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त की।
  • उन्होंने ऐतिहासिक जे.पी. आंदोलन में लोकतंत्र के समर्थन की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, जिसके लिए उन्हें आपातकाल के दौरान कई महीनों तक जेल में रहना पड़ा था। हाई कोर्ट बार एसोसिएशन एक्शन कमेटी के अध्यक्ष के रूप में श्री हरिचंदन ने 1974 में सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों के अधिक्रमण के खिलाफ ओडिशा में वकीलों के आंदोलन का नेतृत्व किया
  • श्री हरिचंदन ओडिशा सरकार में 4 बार मंत्री रहे। वर्ष 1977, 1990, 2000 मेेेें तथा 2004 से 2009 तक वे मंत्री बने रहे। अपने मंत्रिस्तरीय कार्यकाल के दौरान उन्होंने राजस्व, कानून, ग्रामीण विकास, उद्योग, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, श्रम और रोजगार, आवास, सांस्कृतिक मामले, संसाधन विकास विभाग,मत्स्य पालन और पशु-पालन जैसे महत्वपूर्ण विभागों को संभाला। वे 1980 में ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष थे और 1988 तक तीन और कार्यकालों के लिए अध्यक्ष चुने गए। वे 13 वर्षों तक यानी 1996 से 2009 तक राज्य विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता भी रहे। मंत्री मंडल में रहते हुए उन्होंने प्रमुख भूमिकाएं निभाई, जिसके लिए वे सदैव जनता की नजरों में भी बने रहे। वह हमेशा लोगों के मुद्दों को उठाते हैं और उनके लिए लड़ते रहें हैं, जिस कारण से प्रशासकों और राजनेताओं द्वारा उनका बहुत सम्मान किया जाता है, भले ही वे किसी भी पार्टी से जुडे़ रहे।
  • ओडिशा की राजनीति के दिग्गज श्री हरिचंदन पांच बार ओडिशा की राज्य विधानसभा के लिए वर्ष 1977, 1990, 1996, 2000 और 2004 में चुने गए। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ वर्ष 2000 के विधानसभा चुनाव में 95,000 मतों के अंतर से जीत हासिल की, जिसने ओडिशा में पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए।

छत्तीसगढ़ के नए राज्यपाल श्री बिस्वाभूषण हरिचंदन का राजनीतिक कैरियर

आपको बता दें कि बिस्वा भूषण हरिचंदन ने ऐतिहासिक जेपी आंदोलन में शामिल हुए थे. इसके लिए उन्हें एमरजेंसी के दौरान कई महीनों तक जेल में रहना पड़ा था. उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन एक्शन कमेटी के अध्यक्ष के रूप में 1974 में सुप्रीम कोर्ट में न्यायधीशों के अधिक्रमण के खिलाफ ओडिशा में वकीलों के आंदोलन का उन्होंने नेतृत्व किया. इसके बाद बिस्वा भूषण राजनीति से जुड़ गए. उनके राजनीतिक करियर की बात करें तो अबतक बिस्वा ओडिशा में 5 बार विधानसभा के चुने जा चुके हैं. 1977, 1990, 1996, 2000 और 2004 में उन्होंने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है.

ओड़िशा में बीजेपी के फाउंडर हैं हरिचंदन

इसके अलावा हरिचंदन ने अपने काबिलियत के दाम पर ओड़िशा सरकार में 4 बार मंत्री पद पर बने रहे. हरिचंदन के पास राजस्व, कानून, ग्रामीण विकास , उद्योग, खाद्य और नागरिक आपूर्ति, श्रम और रोजगार, आवास, सांस्कृतिक, मत्स्य पालन और पशु विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभागों में हरिचंदन ने जिम्मेदारी संभाली है. बिस्वा भूषण हरिचंदन 1980 में ओड़िशा राज्य के बीजेपी के संस्थापक थे. इसके बाद 1988 तक तीन और कार्यकाल के लिए उन्हें अध्यक्ष चुना गया था. इसके अलावा 13 साल तक यानी 1996 से 2009 तक ओड़िशा विधानसभा में बीजेपी विधायक दल के नेता भी रहे है.

बिस्वा भूषण हरिचंदन जी का साहित्यिक योगदान

उनके प्रमुख साहित्यिक योगदान में अनेकों रचनायंे शामिल है जिसमें ‘‘महासंग्रामर महानायक‘‘, जो 1817 की पाइक क्रांति के सर्वोच्च सेनापति बक्सी जगबंधु पर केंद्रित एक नाटक है. उन्होंने छह एकांकी नाटक भी लिखे जो निम्नलिखित हैं – मरुभताश, राणा प्रताप, शेष झलक, जो मेवाड के महारानी पद्मिनी पर आधारित है। अष्ट शिखा, जो तपांग दलबेरा के बलिदान, पर आधारित है। मानसी, (सामाजिक) और अभिशप्त कर्ण, (पौराणिक) नाटक है। उनकी 26 लघु कथाओं के संकलन का नाम ‘‘स्वच्छ सासानारा गहन कथा‘‘ है, तथा ‘‘ये मतिर डाक‘‘ उनके कुछ चुनिंदा प्रकाशित लेखों का संकलन है। ‘‘संग्राम सारी नहीं”, उनकी आत्मकथा है, जिसमें उनके लंबे सार्वजनिक जीवन के दौरान राजनीतिक, प्रशासनिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और अन्य क्षेत्रों में उनके संघर्षों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

छत्तीसगढ़ राज्यपाल का जीवन परिचय | Governor Mr. Bishwabhushan Harichandan Biography

इन्हे भी पढ़िए
  1. वर्तमान में छत्तीसगढ़ के राज्यपाल का क्या नाम है?

बिस्वा भूषण हरिचंदन
बिस्वा भूषण हरिचंदन एक भारतीय राजनेता है, और आंध्र प्रदेश के २३वें और वर्तमान में राज्यपाल है। बिस्वाभूषण हरिचंदन ओड़िशा से 5 बार विधायक रह चुके है। वह मंत्री भी रहे है। 12 फ़रवरी 2023 को इन्हें छत्तीसगढ़ का नया राजयपाल बनाया गया है।

2. श्री बिस्वाभूषण हरिचंदन का व्यक्तिगत जीवन

17 नवंबर 2021 को, हरिचंदन को कोविड-19 का पता चला था।

3. श्री बिस्वाभूषण हरिचंदन को कौन सा पुरस्कार मिला है

हरिचंदन को 2021 में कलिंग रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

4. श्री बिस्वाभूषण हरिचंदन की पुस्तकें

हरिचंदन ने कई किताबें लिखी हैं जिनमें मरुबतास, महासंग्रामर महानायक, बक्शी जगबंधु, पाइका विद्रोह और उनकी आत्मकथा संघर्ष सरिनाहिन शामिल हैं।

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