परेशानियों में भी खुश कैसे रहे | How to be happy even in problems

परेशानियों में भी खुश कैसे रहे ?

How to be happy even in problems




परेशानियों में भी खुश कैसे रहे ? लघुकथा-


आइये इसे एक लघु कथा के उदाहरण के जरिये जानते और समझते है-

संसार मे शायद ही कोई ऐसा इंशान होगा जिसके जीवन में कोई परेशानी न हो , पर जब जीवन मे परेशानिया बढ़नी लग जाय तब एक पल को ऐसा लगता है की , पूरे जहां का दुःख और परेशानी मेरे ही हिस्से में आ गयी है ! और यह बात सत्य भी है लेकिन हम शायद उस वक्त भूल गए होते है कि हमारे जैसे न जाने और भी कितने लोग है जो इन सब चीजो से अभी गुजर रहे है या गुजर चुके होंगे , हमे हमारी ही परेशानी सबसे बढ़ कर लगने लगती है ! किसी महात्मा ने कहा था कि ‘ जब किसी लकीर के सामने बड़ी लकीर खिंच दी जाय तो वो पुरानी लकीर बेहद ही छोटी लगने लगती है ‘ ठीक ऐसा ही है मनुष्य का जीवन और उनमें आने वाली परेशानी !

एक बार एक दुःखी व्यक्ति जो बेहद धनवान तो था पर अपने जीवन से बेहद उदास और अपने जीवन के दुखों से परेशान था उसे जब महात्मा बुद्ध के बारे में पता चला तो , वह महात्मा बुद्ध के पास गया और उनके कदमों में गिरकर बोला -हे महात्मन’ मैं अपनी जिंदगी की समस्याओं और परेशानियों से तंग आ गया हूं। एक समस्या निपटाता हूं तो दूसरी समस्या खड़ी हो जाती है, दूसरी को निपटाना हूं तो तीसरी समस्या खड़ी हो जाती है।मैं तो बिल्कुल परेशान हो चुका हूं। मैंने सुना है कि आप महाज्ञानी और ईश्वर के अंश हैं इसलिए मैं आपके पास आया हूं।अब आप ही कोई ऐसा उपाय बताईए। जिससे मेरी सारी समस्याएं बिल्कुल समाप्त हो जाए।

महात्मा बुद्ध बोले- ठीक है उपाय तो मैं बता दूंगा, परंतु अभी नहीं मैं तुम्हे उपाय कल बताऊंगा थोड़ा इंतिजार करो । महात्मा बुद्ध ने कहा कि मेरी एक शर्त है और वह यह कि तुम्हें आज रात मेरे ऊंटों के बसेरे में पहरा देना होगा और जब सभी ऊंट बैठ जाए तो तुम भी सो जाना। मगर ध्यान रहे जब तक एक भी ऊंट खड़ा रहे सोना मत।

वह व्यक्ति बोला- ठीक है। फिर वह व्यक्ति वहां से चला गया। दूसरे दिन सुबह जब वह व्यक्ति महात्मा बुद्ध के पास आया तो महात्मा बुद्ध उसकी लाल लाल आंखें और थका हुआ बदन देख कर बोले- लगता है तुम रात भर सोए नहीं हो। वह व्यक्ति बोला- हां महात्मन’ मैं रात भर सो नहीं पाया क्योंकि वहां तो सैकड़ों ऊंट थे। एक उंट बैठता तो दूसरा खड़ा हो जाता, दूसरा बैठता तो तीसरा खड़ा हो जाता। रात भर में कभी भी सभी उंट एक साथ बैठे ही नहीं इसलिए मैं रात भर जागता रहा। महात्मा बुद्ध – चाहते हो तो तुम्हें इन समस्याओं में ही खुश रहना होगा क्योंकि फूलों का राजा गुलाब भी कांटो के बीच ही खिलता है और तालाब में खिला सुंदर कमल का पुष्प भी कीचड़ों से घिरा हुआ होता है वह फिर भी महकता है !

महात्मा बोले – बिल्कुल इसी तरह हमारी जिंदगी है। जिंदगी की समस्याएं कभी खत्म नहीं होती होगी क्योंकि समस्याएं हमारी जिंदगी के महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इसलिए अगर तुम अपनी जिंदगी में खुश रहना चाहते हो तो तुम्हें भी समस्याओं के बीच में ही खुश रहना सीखना होगा। धैर्य और सीख के साथ जिंदगी जीना सीखना होगा। तभी तुम अपनी जिंदगी में खुश रह पाओगे।

परेशानियों में भी खुश रहने के लिए जानिए इन बातों को –

● सबसे पहली बात यह है कि हमे पहले यह समझना होगा कि पूरी दुनिया मे एकलौते हम ही बस नही है जिसके जीवन में ऐसे स्थिति होती है ! हमारे जैसे न जाने कितने और भी है जो इससे भी बडी बडी परेशानियों से घिरे हुए है !

● हम अपने जीवन मे अपने पसन्द की चीजो को हासिल करने न जाने कितनी ही चीजे सीखते है और उस चीज को पा लेते है पर केवल परेशानियों से निपटना नही सिख पाते , जो हमे ऐसे मोड़ पर ला कर खड़ा कर देता है जहाँ हमे कुछ समझ नही आता है , और हम वहाँ हारने लगते है हमे जिंदगी को समझने की कला भी सीखनी होगी !

● आप खुद अपने आप को खुशनसीब समझे और यह सोच कर ऊपर वाले का शुक्रियाअदा करे , जिस तरह की जिंदगी आप अभी बिता रहे है न जाने ही कितनो के लिए वह अभी भी रख सपने की तरह है !

खुद को बेहतर कैसे बनाये ?

● परिस्थितियों को समझे क्योकि किसी चीज से निपटने के लिए या उससे बाहर निकलने के लिए उसे समझना बेहद ही जरूरी है !

दोस्तो यह छोटी सी कहानी हमें कितना कुछ सिखाती है और हमे प्रेरणा देती है हर परिस्थियों में खुश रहने के लिए और उन परिस्थियों से निपटने के लिए !

उम्मीद है कि आप इससे कुछ बेहतर जरूर सीखे होंगे !!

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