प्रभावी वक्ता कैसे बने (How to become an effective speaker)-
आज के इस लेख में हम जानेंगे “प्रभावी वक्ता कैसे बने” इसके बारे में. यदि आपको भी किसी से बात करते वक्त घबराहट या दर्शको के सामने बोलने में परेशानी आती हैं तो आज के इस लेख में बताई गई बातों को ध्यान से पढ़े. दोस्तों एक प्रभावी वक्ता के अंदर कई ऐसे गुण होते हैं जो आपको अपने अन्दर विकसित करने होंगे तो चलिए जानते हैं की आखिर एक प्रभावी वक्ता कैसे बने ?
- प्रभावी वक्ता बनने के लिए इन बातों को जानना होगा
- तैयारी अच्छी रखें (Be well prepared)
- खुद पर भरोसा और आत्मविश्वास(Self-confidence)
- सुनने वालो से पहले जुड़े(Join before the listeners)
- भाषण को बिना देखें बोले (See speech without speaking )
- श्रोताओं को ख्याल रखते हुए भाषण करे (Speak with an audience)
- ग़लती से घबराए नही (Don’t be afraid of mistake)
- लय के साथ भाषण व भाषण का ज्ञान करे
01. तैयारी अच्छी रखें (Be well prepared) –
दोस्तों एक कुशल वक्ता के लिए तैयारी ही सबसे पहली सीढ़ी होती हैं अपने श्रोताओं तक पहुचने का. अपने कई बड़े नेताओ और अभिनेताओ को मंच पर आते वक्त देखा होगा कि कैसे वो मंच पर आते ही उत्साह और जोश से भर जाते हैं, उनका ये उत्साह दिखावा नहीं होता, उनका ज्ञान और विषय पर पकड़ उनकी आंखों में चमक की असली वजह होती है। तो जाहिर है आपको जिस विषय पर बोलना है, उसकी पहले से तैयारी बहुत जरूरी है। अब यहा तैयारी का क्या मतलब हो सकता हैं? तैयारी मतलब आप जिस जगह बोलने जा रहें हैं उस जगह की जानकारी, वहा के लोग किस तरह के हैं और आप किस तरह से बोलने वाले हैं इन सब बातों की तैयारी आपको होनी चाहिए.
02. खुद पर भरोसा और आत्मविश्वास(Self-confidence)–
कभी भी किसी से बात करते वक्त, किसी से मिलते वक्त या जब आपको हजारो की तादाद में लोग सुन रहें हो तब ऐसे स्थिति में, अपना आत्मविश्वस न खोएं हमेशा अपने आप को यह विश्वास दिलाते हुये दिमाग को संकेत दे कि आप एक सफल वक्ता है, क्योकि आप जैसा अपने दिमाग में सोचते है, करते भी वैसे ही हैं और होता भी वाही है। एक प्रभावी वक्ता में अपने दिमाग को कंट्रोल करने और साथ ही साथ अपने मानसिकता पर काबू करने की क्षमता का होना बहुत जरूरी हैं. (पढ़े – आत्मविश्वास बढाने के आसान तरीके)
03. सुनने वालो से पहले जुड़े(Join before the listeners) –
सबसे पहले श्रोताओं से कनेक्ट होना बहुत जरूरी है, यदि आप पहले भी कभी उनके शहर में आ चुके हों तो उन बातों को दोहराइए, उस शहर के यादगार लम्हों को उनके सामने रखिये, उस स्थान के दुर्लभ स्मारकों की बात कीजिये। यदि उस अनगिनत की भीड़ में भी आप कुछ लोगों को जानते हों और वे प्रतिष्ठित हों, तो उनका आदरपूर्वक जिक्र कीजिये। श्रेताओ कनेक्ट होने के लिए कभी-कभी आप उनसे पर्सनल सवाल भी कीजिए कि क्या आपने ऐसा कभी किया है? या फिर आपमें से कितने लोग हैं जिनके घर में कोई सरकारी कर्मचारी है? हाथ उठाइए। आपने देखा होगा कई नेताओ को स्टेज पे आते ही ऐसा कुछ बोलते हैं- जब मैं यहां आ रहा था तो किसी ने मुझसे इस ईवेंट के बारे में ऐसा कहा।,,,, इन सब तरीक़ो को खुद के अंदर ढालने की कोशिश करे इससे आपके अंदर आत्मविश्वास बढ़ेगा।
04. भाषण को बिना देखें बोले (See speech without speaking) –
अगर आपको एक प्रभावी वक्ता बनना है तो आपको बिना देखे बोलने की कला भी आनी बहुत जरूरी हैं लेकिन याद रखे, बिना देखे खराब भाषण देने से अच्छा है देख कर सही बातें बोली जाएं। इसलिए अगर आप बिना देखे बोलने में कठिनाई हो रही हो तो किसी बड़े अकेशन पर इसे ट्राइ करने के बजाये छोटे-मोटे अवसरों पर बिना देखे बोलने की कोशिस करते रहे। नित्य अभ्यास से कुछ भी असंभव नही. धीरे-धीरे आप देखेंगे आप इस कला में पारंगत हो गये है।
05. श्रोताओं को ख्याल रखते हुए भाषण करे (Speak with an audience)–
बोलने से पहले ये भी ध्यान में रखना जरूरी है कि सुनने वाले कौन हैं, मेजोरिटी किसकी है। जाहिए है बच्चे सामने बैठे हैं, तो आपको उनके मूड को ध्यान में रखना होगा, महिलाएं हैं तो उनसे जुड़ी बातों को अपने शब्दों में पिरोना होगा। कॉरपोरेट्स हैं तो उनकी डेली लाइफ से जुड़ी बातों, किस्सों को लेना होगा, युवा किसी और तरह के मूड में रहता है और गांव देहात के लोग अलग तरह की बातें सुनना चाहते हैं।
06. ग़लती से घबराए नही (Don’t be afraid of mistake)–
दुनिया में ऐसा कोई व्यक्ति नही जिससे कभी कोई गलती ना हुई हो। इंसान से ग़लती होना लाजमी हैं। बस एक बात का ध्यान रखे स्पीच के वक्त अगर आप कहीं अटक भी जाते है या व्याकरण (संबंधी) कोई गलती हो भी जाती है तो आपको बड़ी होशियारी के साथ उस परिस्थिति को अपने बोलने के अंदाज से छुपाना आना चाहिए। ऐसे हालात में आप अपनी गलती को मज़ाक का रुख़ भी दे सकते है या सरल शब्दों में ‘माफ़ कीजिए’ कह कर अपनी बात को आगे बढ़ा सकते है। ऐसे में कोई भी आपकी गलती पर ध्यान नही देगा। क्योकि इस बात से कोई भी अनभिज्ञ नही कि मंच पे जाकर बोलना कोई आसान काम नही होता। ऐसे में छोटी-मोटी चूक होना कोई बड़ी बात नही है।(जाने – अपनी गलतियों से कैसे सीखें )
07.लय के साथ भाषण व भाषण का ज्ञान करे (Knowledge of speech and speech with rhythm)–
एक और बड़ी बात है लय और शैली। वक्ता यदि अपने ज्ञान का प्रदर्शन एक सुर में करता रहे तो शायद आधे से ज्यादा श्रोता सो जाएंगे। इसलिए माहौल बोरिंग ना हो, इसलिए इससे बचना जरूरी है। अपनी बातों में लय, रस और एक दिलचस्प शैली डेवलप करना बहुत जरूरी है। बस अपनी बात को महसूस करिए, और उसी भावनात्मक अंदाज में जनता के सामने रख दीजिए, देखिएगा श्रोता कैसे बहे चलेगा आपके साथ।
अपनी भाषा शैली का हमेशा ख्याल रखे, ऐसा ना हो की आप बार-बार शब्दो को ग़लत बोले, इसलिए जो भी बोले आराम से बोले, आराम से बोलने से ग़लतियाँ नही होती हैं, और आप जहाँ भी जाए भाषण के लिए, वहा की लोकल भाषा का कुछ वर्ड का ज्ञान रखे जैसे – नमस्कार, सलाम, जोहार, आदि,, इससे श्रेता तहे दिल से आपके साथ जुड़ेंगे।
तो दोस्तों उम्मीद हैं की आपको आज के प्रभावी वक्ता कैसे बने (How to become an effective speaker) आर्टिकल में बताई गयी सारी बातें और टिप्स काम की लगी हो और पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें – “धन्यवाद”