गुस्से पर काबू करने के आसन उपाय | How To Control Anger Hindi

गुस्से पर काबू कैसे करें (How To Control Anger) 

अपने गुस्से पर काबू  करना एक कला हैं. आपका गुस्सा कही न कही आपकी सफलता पर बाधक बनता हैं. जब भी हम गुस्से में अपनी जीवन से जुडी कोई भी निर्णय लेते हैं तो ज्यादा चांस होता हैं की हमें वहा नुकशान उठाना पढ़े. अपने गुस्से पर काबू  करने के हजारो तरीके हैं लेकिन आप उन गुस्से पर काबू करने के उपायों को नहीं अपना सकते. इसी लिए चलिए जानते हैं- अपने गुस्से पर काबू  कैसे करें इसके कुछ आसान उपाय 

1. हमारे गुस्से का जुड़ाव हमारे मन से:-

मन की तीन वृत्तियाँ होती हैं- देहात्मक, आवेशात्मक और रसात्मक. देहात्मक जैसे-सर्दी, गर्मी, भूख, प्यास आदि. आवेशात्मक जैसे-भय, काम, गुस्सा आदि. रसात्मक जैसे-प्रेम, श्रद्धा, काम, आनन्द आदि. अर्थात् गुस्सा भी मन की एक वृत्ति ही है. इसलिए गुस्सा पर काबू रखने के लिए मन को साधना पड़ेगा और मन को साधने के लिए ध्यान में उतरना पड़ेगा.

2. गुस्सा एक नकारात्मक ऊर्जा है:-

गुस्सा भीतरी व बाहरी कारणों से आता है. गुस्सा के दौरान हृदय की गति बढ़ जाती है, रक्तचाप भी बढ़ जाता है. साथ ही एनर्जी हारमोंस के स्तर में वृद्धि हो जाती हैं. गुस्सा से तनाव बढ़ता है, कोलेस्ट्रोल बढ़ता है, प्रतिरोधी क्षमता कम हो जाती है. तीव्र संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है. इसलिए गुस्सा-वृत्ति को नियन्त्रित रखना आवश्यक है. (यह भी जाने – अपने गुस्से को कंट्रोल करने के आसान तरीके)

3. गुस्सा करना समझदारी या मुर्खता विचार करें:

जो गुस्सा नहीं हो सकता, वह मूर्ख होता है. किन्तु जो गुस्सा नहीं होता, वही समझदार होता है. गुस्सा होना आसान है, किन्तु सही बात पर, सही वक्त पर और सही व्यक्ति पर क्रोधित होना इतना आसान नहीं है. इसलिए यदि गुस्सा होने से पहले इन सभी पहलुओं पर विचार कर लिया जाए तो फिर संभवतः कोई गुस्सा हो ही नहीं सकेगा. गुस्सा तो एक तात्कालिक अभिव्यक्ति है, इसलिए यदि इसे थोड़ा सा भी विलम्बित कर दिया जाय तो गुस्सा पर नियन्त्रण स्वतः ही हो जायेगा.

4. जहा तक हो गुस्से से बचे:-

जब जीवन हमारे अनुसार नहीं चलता, जब कोई कार्य या व्यक्ति हमारी अपेक्षाओं के अनुरूप खरा नहीं उतरता, तब हमें गुस्सा आता है. विषय चिन्तन से आसक्ति और आसक्ति से कामनायें उत्पन्न होती हैं. कामनाओं में विघ्न पड़ने पर गुस्सा आता है. जब प्रेम व करूणा में कमी आती है, तब गुस्सा की बारी आती है. जिस वक्त गुस्सा मस्तिष्क पर आधिपत्य कर लेता है, तब विचार शक्ति शून्य हो जाती है. क्रोधित व्यक्ति का मुख तो खुला रहता है, किन्तु आँखें बन्द हो जाती हैं. इसलिए जहाँ तक हो सके, गुस्सा से बचिए. (यह भी जाने – हमेशा पॉजिटिव कैसे रहें )

5. नशा बढ़ावा देता हैं गुस्से को:– 

अपने गुस्से पर काबू करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, नशे से दूर रहना. शराब पीने या क्रोधित होने पर आदमी पशुता में लौट जाता है. याद रखें, शराब पीकर या क्रोधित होकर दुनिया को नहीं बदला जा सकता. इसलिए दुनिया जैसी है, वैसी ही स्वीकार करें. पर हाँ, यदि आप अपने आपको बदल लेते हैं तो दुनिया आपको बदली हुई ही लगेगी. किसी ने ठीक ही कहा है

यह भी जाने – खुद को दुशरो से बेहतर बनाना हैं, तो जाने इन बातों को 

6. गहरे व्यक्ति बने औछा आदमी नहीं:-

जिस प्रकार छोटा बर्तन जल्दी गर्म हो जाता है अथवा जल्दी छलक उठता है, उसी प्रकार औछा आदमी भी जल्दी ही लाल पीला होकर क्रोधित हो उठता है. इसलिए छिछले नहीं, गहरे.  सौ कदम सफलता के बनिए. धीर और गंभीर व्यक्तित्व के धनी बनिए. याद रखिए, आपकी किसी न किसी कमजोरी का परिणाम ही गुस्सा है. गुस्सा ही सफलता की राह में सबसे बड़ा अवरोध है. इस अवरोध को हटाइए, गुस्सा को बोध में बदलिए. तब सर्वत्र आपकी प्रशंसा होगी, हर काम में आपको सफलता प्राप्त होगी.

7. गुस्से में लोगो ने हमेशा खोया हैं, कभी पाया नहीं:-

याद रखें, गुस्सा में लिए गए निर्णय प्रायः गलत ही होते हैं. गुस्सा एक खर्चीली विलासिता है, जिसे बड़े लोग ही भोग सकते हैं. गुस्सा में हम खोते ही खोते है, पाते कुछ भी नहीं. आपके क्रोधित होने पर यदि सामने वाला व्यक्ति शान्त रहता है, तब आपका गुस्सा आपके पास ही लौट आयेगा. तब आप कितने आग बबूला होंगे. लौटे हुए गुस्सा को आप आसानी से हजम नहीं कर पायेंगे. आपके क्रोधित होने पर यदि सामने वाला भी तत्काल ही क्रोधित हो उठे, तब जो घमासान होगा, वह देखने लायक होगा. अर्थात् क्रोधित होना या दूसरे के गुस्से पर उत्तेजित होना किसी भी दृष्टि से उचित नहीं है.

इसे एक कहानी से समझे:- 

महान दार्शनिक गुरजिएफ ने अपनी आत्मकथा में एक स्थान पर लिखा है कि – उसकी माँ ने मरते समय उसे एक बात कही थी-‘यदि किसी पर गुस्सा आ जाए तो अपने गुस्सा की अभिव्यक्ति चोबीस घंटे से पहले मत करना.’

अर्थात् – तत्काल प्रतिक्रिया करने और अपने आपको सही सिद्ध करने की लगातार कोशिश करने के कारण ही विवाद पैदा हो जाता है और छोटे से छोटे विवाद को विस्फोटक होने में कोई समय नहीं लगता.

तो दोस्त यदि आप गुस्से पर कंट्रोल करने के इन उपायों को ध्यान से पढ़ा हैं, तो आपको आसानी से समझ में आ गया होगा की गुस्सा करने का क्या नुकशान हैं और गुस्से को कंट्रोल कैसे करें. गुस्से को कंट्रोल करने की इन जानकारियों को उपयोग कर के आप अपने गुस्से को कंट्रोल कर सकते हैं. 

Leave a Comment