How to decide for yourself | खुद से निर्णय कैसे ले
खुद से निर्णय लेना कोई आसन काम नहीं होता. निर्णय जिसे Decision कहते हैं. निर्णय से ही हम सही और गलत, अच्छा और बुरा इन सभी चीजो में भेद कर पते है. खुद से निर्णय कैसे ले या फिर हमें Decision लेने से पहले किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए इसकी जानकारी आज इस आर्टिकल में हम जानेंगे, इसमें बताये गए बातो को ध्यान से पढ़े-
1 छोटे-छोटे निर्णयों से शुरुआत करें (Start with small decisions.):-
भोजन में आज कौन से व्यंजन बनेंगे, कौन से रंग के पर्दे- घर में लगेंगे, किस वक़्त बाहर सैर पर जानक्या उचित होगा आदि जैसे निर्णयों को लेना शुरू करें, या इनमें अपनी भागीदारी मुखर रूप से रखें। छोटे-छोटे निर्णयों से शुरुआत करके ही आप बड़े निर्णय लेने के काबिल हो पाएंगे. कोई भी बड़ी Decision अचानक से आपको किसी बड़ी समस्या में भी दाल सकती हैं.
2 मानसिक समस्या (mental problem):-
की स्थिति में यह कदम उतना कारगर नहीं है लेकिन व्यवहारिक जीवन में अस्वीकृति या नामंजूरी से आहत होने से बचें, क्योंकि हरेक व्यक्ति की राय व अनुभव अलग होते हैं। जब भी आपके मन में अच्छे विचार ना आये या फिर आप कीस मानसिक समस्या से गुजर रहे हो तो decisions लेने से बचे और खुद को मोटिवेटेड रखे.
इसे भी पढ़े:- खुद को हमेशा मोटीवेटेड कैसे रखे | हमेशा सकारात्मक कैसे रहें
3 हर व्यक्ति की राय अलग होती है (everyone’s opinion is different):-
यहा हर व्यक्ति की राय अलग अलग होती हैं. इसलिए अपने दृष्टिकोण से सबको अवगत करवाने से बचें। सबका अपना जीवन है और उन्हें उसमें आनंदित महसूस करने का हक़ है। यह भी मुमकिन है कि आपका हित न चाहने वाले आपसे जुड़ी बातों का आपके विरुद्ध इस्तेमाल करें।
4 धूम्रपान, शराब या नशीले पदार्थों से विशेष दूरी बनाएं।
अक्सर तनाव की स्थिति में इनमें समाधान खोजा जाता है जो बिलकुल भी उचित नहीं है। छवि धूमिल होने से ज्यादा अपने व दूसरों के मानसिक स्वास्थ्य के प्रति गंभीरता दिखाएं। धूम्रपान, शराब या नशीले पदार्थों से विशेष दूरी बनाये रखना आपके निर्णायक क्षमता को बढाता हैं. जैसे ही व्यक्ति कीसी नशे की चपेट में आता जात हैं तब वह मानसिक रूप से कमजोरी महसूस करता हैं.
5 एकांत में समय बिताने की कोशिश करें।
एकांत में समय बिताने की आदत धीरे धीरे विकसित करें। ख़ुद के साथ वक़्त बिताएं। यदि ऐसी स्थिति में अत्याधिक असहज या विचलित महसूस करें तो विशेषज्ञ से सलाह लें। किसी महान व्यक्ति ने कहा था की “ आपको आपसे ज्यादा कोई नही जान सकता हैं और न ही आपसे ज्यादा समझ सकता हैं”
यदि उपरोक्त के बावजूद दूसरों की स्वीकृति पर निर्भरता या तनाव की स्थिति बनी रहती है तो बिना संकोच मनोचिकित्सक से सलाह लें। मानसिक समस्याओं को शुरुआती स्तर पर पहचानें और आने वाले जोखिम से बचें।
एकबार इन्हें भी पढ़े:-
- लोगो से बात करने का सही तरीका क्या हैं ?
- दिमाग को शांत कैसे रखें? जाने जबर्दस्त तरीके
- देखें स्टूडेंट्स के लिए motivational लाइन