महात्मा बुद्ध की अनोखी कहानी | Inspirational story of mahatma budh

महात्मा बुद्ध की अनोखी कहानी –

Inspirational story of mahatma budh

यह कहानी है गौतम बुद्ध की है , बात उन दिनों की है जब भगवान गौतम अपने शिष्यों के साथ गाँव गाँव जा कर लोगो को प्रवचन दिया करते थे …

एक बार गौतम बुद्ध अपने शिष्य आनंद के साथ एक गाँव से दुसरे गाँव प्रवचन देने जा रहे थे गर्मी का दिन था धुप कड़ाके की थी , रास्ते पर चलते चतले काफी समय हो गया था और आनंद के मन में सवाल उठ रहा था की आखिर गाँव कब आएगा और वह कितना दूर है !

इतने में रस्ते मिले एक खेत में एक बुजुर्ग काम कर रहे थे आनंद गौतन बुद्ध से बोले – गाँव और कितना दुर है चलिए इन बुजुर्ग से पूछ लेते है , इस बात पर गौतम बुद्ध ने हामी भरी और उस बुजुर्ग से पुछा की – आने वाला अगला गाँव कितना दूर है ?

उस बुजुर्ग ने जवाब दिया – “ बस कुछ ही दूर और फिर आप गाँव तक पहुच जायेंगे “ और इतना कहते ही गौतम बुद्ध बुजुर्ग की तरफ देख कर थोडा मुस्कुराये और बुजुर्ग आदमी भी गौतम बुद्ध को देख कर हल्का से मुस्कुरा दिए, पर यह बात आनंद को कुछ हजम नहि हुई वह समझ ही नहि पाया की उनके मुस्कुराने का कारन क्या है !

बस फिर वे दोनों आगे बढ़ गए और उतनी ही दुरी फिर से तय करने के बाद रस्ते में आनंद के मन में सवाल उठ ही रहा था की उस खेत में काम कर रहे द्वारा बताये गये रस्ते के मुताबिक तो हम गाँव पहुच जाते पर ऐसा नहि हुआ और कुछ दूर आगे बढ़ने पर उन्हें एक महात्मा मिला आनद ने उन महात्मा से फिर वही सवाल पूछा की – “ आगे आने वाला गाँव और कितना दूर है ?

 

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महात्मा ने कहा “ बस दो से चार किलोमीटर ही दूर है ,इतना सुनने के बाद आनद ने सोचा अब तो बस पहुच ही गए , और फिर एक बार भगवान् बुद्ध ने राह पर मिले महात्मा को देख कर थोडा सा हसे और महात्मा भी भगवान बुद्ध को देख कर थोडा हसे , फिर एक बार आनद के दिमाग में सवाल उठने लगता है की आखिर दोनों के आपस में हसने का आखिर वजह क्या है ?

और ठीक वैसे ही राह में मिली बूढी अम्मा के साथ भी वार्ता ऐसी ही हुई ..अब आनद के सबर का बांध टूटने लगा और कुछ दूर जा कर आनद ने अपने कंधे पर उठाये सामान को जमीन पर पटकते हुए कहा – “ हे भगवान् बुद्ध ! वैसे तो आप कहते है की बेवजह सवाल करना सही नहीं होता पर फिर भी मेरे मन को एक सवाल काफी समय से खाए जा रहा है की – हम जिससे भी रास्ता पूछ रहे वह हमें बस थोड़ी दूर कह कर आगे बढ़ जा रहा और आप कभी उन्हें देख कर मुस्कुराते तो कभी उन्हें देख कर हस्ते है , इस चीज को कृपया मुझे समझिए !

और इतना सुनते ही भगवान बुद्ध ने आनद से कहा – “ आनंद जिस गाँव की ओर हम जा रहे है इस रस्ते पर मै पहले भी आ चूका हु और यहा से गाँव की दुरी मुझे पता है और यह बात राह में मिले हर व्यक्ति भी जनते थे बस इसी लिए मई उन्हें देख कर मुस्कुराते और वो मुझे …जिस तरह हम लोगो को उनके लक्ष्य प्राप्ति के लिए उन्हें उपदेश देते है और उन्हें अपने जीवन पथ पर सफलता हेतु निरंतर चलने को प्रेरित करते है , बिलकुल राह में मिले हर एक व्यक्ति हमें हमारे कर्य पथ हमारे मंजिल की ओर निरंतर बढ़ते रहने का उपदेश और रह देते गया है !!

बागवान बुद्ध की इस बात को सुनकर आनंद मुस्करा उठा और गाँव की ओर चल दिए !!

कहानी से शिक्षा – जैसे की कहानी में भगवन बुद्ध और आनद को कई लोग मिले जो उन्हें उनके मार्ग में जाने के लिए प्रेरित किये बिलकुल हमें भी हमारे जीवन में आगे जाने के लिए कई तरह से प्रेरणाए मिलती रहती है और हमें उसे सहिर्दय स्वीकार कर हमेशा आगे बढ़ना होता है !!

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