कैसे दोस्तों के साथ रहें | जिनमे ये लक्षण हो उनसे कभी दोस्ती मत करना – AATMMNTHN

कैसे दोस्तों के साथ रहें ?( how to be with friends)

कैसे दोस्तों के साथ रहें ? इस सवाल का जवाब आचार्य चाणक्य ने अपने कई नीतियों में दिए है.आचार्य चाणक्य के बारे में कौन नहीं जनता, आचार्य चाणक्य एक कूटनीति के विद्वान के साथ-साथ एक राजनीतिज्ञ भी थे और इनके द्वारा कहे गए चाणक्य निति में उन्हों ने कैसे दोस्तों के साथ रहें ? इसके साथ साथ जीवन के कई सरे सवालों का जवाब भी दिए  हैं. आचार्य चाणक्य ने कैसे दोस्तों के साथ रहें ?,

दोस्तों की पहचान कैसे करें या फिर किस तरह के लोगो से दोस्ती करें इसका भी जवाब दिया हैं. आइये जानते हैं कैसे दोस्तों के साथ रहें ?

1. सामने मीठा बोलने वाले दोस्त:-

आचार्य चाणक्य के अनुसार आपके वो दोस्त जो आपके सामने आपकी तारीफ़ तो करेंगे लेकिन सिर्फ तब तक जब तक वो आपके सामने हैं, और वाही दोस्त आपके पीठ पीछे यदि आपकी बुराई करते हैं तो ऐसे दोस्तों को आचार्य चाणक्य आपके शत्रुओं से भी घातक बताते हैं. क्योंकि जो आपके शत्रु हैं वो तो केवल आपकी खूबियों को ही जानेंगे परन्तु आपके ऐसे मित्र जो शत्रु के सामान हैं वो आपकी कमजोरी भी जानते हैं और आपको ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं.चाणक्य ने अपने एक श्लोक में ऐसे दोस्तों विष से भरे उस घड़े के समान होता हैं जिसके मुख पर दूध लगा होता हैं.(देखेंचाणक्य की नीतियाँ )

2. गलत सलाह देने वाले दोस्त:-

आचार्य चाणक्य दोस्त और सलाह के सम्बन्ध में कहते हैं की “जो आपका असल मित्र हैं वह कभी भी आपको गलत राह में जाने की सलाह नहीं देगा, और जो आपको गलत राह पर चलने का सलाह दे वह कभी आपका असल मित्र नहीं हो सकता.जीवन में आगे कैसे बढ़े जीवन में आगे बढ़ने के लिए आपके दोस्तों की सलाह भी कुछ हद तक मायने रखती हैं.

3. डिमोटिवेट करने वाले दोस्त:-

जिस तरह जिंदगी में मोटिवेशन हमारे लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करता हैं ठीक वैसे ही डिमोटिवेशन हमें निराशा की ओर ले जाती हैं, आपका सच्चा मित्र आपके हर परिस्थिति में आपको हौसला देता हैं ना की निराशा.

4. साथ न देने वाले:-

आप भी अपने कई दोस्तों को जानते होंगे या उन्हें देखें होंगे जो आपके साथ तब तक अच्छे से रहते हैं जब तक आपसे अच्छा या आपसे बेहतर चाहे वह किसी भी चीज में बेहतर हो सकता हैं, ऐसे उसके दोस्त नहीं मिल जाते हैं.

ऐसे मित्र आपको आपकी परेशानी के वक्त भी छोड़ कर जा सकते हैं, तब उस वक्त आप परेशानी में होने की वजह से आप कुछ कर भी नहीं पाओगे, तो बेहतर होगा की ऐसे दोस्तों को पहले ही पहचान लिया जाये और उन्हें अपने से दूर कर लिया जाय.

5. धोखा देने वाले दोस्त:- 

आचार्य चाणक्य सांप का उदाहरण देते हुए कहते हैं की “ यदि आपको कोई सांप एक बार डंस ले तो आपको दुबारा उसके पास नहीं जाना चाहिए ” ठीक उसी तरह अपने किसी मित्र से धोखा मिलने पर आपको उस पर दोबारा विश्वास न करें.

भरोसा एक ऐसी चीज होती हैं जो एक बार तोड़ दिया जाय तो वह पहले के सामान कभी नहीं बन सकता.कैसे दोस्तों के साथ रहें ?( how to be with friends) यदि इस आर्टिकल से आपको अपने दोस्तों में सही और गलत दोस्त को पहचानने में मदद मिलती हैं तो यह बहुत अच्छी बात हैं.

 

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