कोरोना ने हमें आखिर क्या सिखाया ?
दोस्तों “ कोरोना “ यह शब्द सुनते ही बीते महीनो में गुजरे लाकडाउन , प्रवासी मजदूरो की गंभीर हालत और भी ऐसे कई दिल दहला देने वाली मंजर देखने को मिले और सुनने को काफी सारी बाते और अनेको खबरे थी , कोरोना ने हमें आखिर क्या सिखाया यह बात तो हम सब जानते है की इस महामारी ने मानव जीवन को पूरी तरह झकझोर कर रख दिया है और हमारे देश में मामला दिन ब दिन आगे बिगड़ते ही जा रहा है !!
1.प्रकृति की कीमत – जब बात प्रकृति की हो तब हम बड़े-बड़े पहाड़ , झरने , नदिया ऐसी और भी कई सारी दृश्य हमारे मन में आते है पर यह बात आपको पता होना जरूरी है की इस धरती में हर वह वस्तु जो हमारे जीवन को सरल और आसान बनाता है जिसके बिना जीवन की कल्पना तक सम्भव नहीं हर वह प्रकृति का हिस्सा है , और इस महामारी ने इन्शानियत को अपना संदेश दिया है की भले ही इंशान विज्ञानं के दम पर कितना ही विकास कर ले प्रकृति सदैव सर्वोपरि ही रहेगी !
2.जीवन शैली – “ मनुष्य एक समाजिक प्राणी है “ सायद यह बात पुराने समय में सटीक बैठती रही होगी पर अब तो यह ना के बराबर हो गया है , जहा एक ओर इंशान अपनी जरूरतों और सपने के लिए भागते-भागते अपनों और अपनों के लिए समय नहीं निकाल पाने जैसी बातो पर परेसान रहता था , पर बीते लाकडाउन और बीते महीनो में यह कमी भी पूरी होते देखने को मिली है !
3.आधुनिकता – किसी ने कितनी सटीक बात कहि है की “ इंशान भले ही दिन भर में जो भी हासिल कर ले खाता आटे की रोटी ही है “ यहा पर कहने का मतलब यह है की हम कितनी ही उन्नति क्यों न कर ले भोजन और पानी के लिए हम अपनी भूमि और पर्यावरण पर आश्रित ही रहेंगे , हम लोगो को उनके उपकार और कर्ज के बदले न जाने क्या क्या देते है पर केवल एक हमारी प्रकृति ही है जिसने उपकार के बदले में हमसे आज तक हमसे कभी नही माँगा ऐसे में यह हमारा कर्तब्य बनता है की हम अपनी सम्पदा और अपनी धरोहर का सदुपयोग करे और उसकी रक्षा करे !!
4.घमंड – इसके ऊपर तो आपने भी की कहानिया , लघु कथा और भी बहुत देखि और सुनी होगी , बेशक अगर इंशान के पास बड़ी मात्रा में पैसा है तो आप हर बिकाऊ वस्तु खरीद सकते है पर अपना सेहत हम खुद बनाते औरद बिगाड़ते है , इस महामारी के आने से हम सब तो समझ ही गए की दुनिया हर महंगी वस्तु से भी महंगी है हमारी सेहत !
5.साफ सफाई – साफ़ सफाई तो हमारे जीवन का अमूमन एक महत्वपूर्ण हिस्सा है यह भेद करता है मनुष्य और जानवर में , यह सामिल है हमारी सभ्यता में हमारी संस्कृति में पर फिर भी हम मानव जाती यह बात भूल जाते है की यह प्रकृति हमारी ही है और इसका उपयोग दुरूपयोग हमारे ही जीवन में प्रभाव डालता है , यहाँ हमारा दाइत्व बनता है की हम अपने आस पास को साफ़ रखे क्योकि इसक सीधा असर हमारे सेहत पर पड़ता है और कोई भी इंशान अपनी सेहत के साथ खिलवाड़ करना नहीं क्र सकता !!
6.असली ताकत – दोस्तों हमरे देश में और पडोसी देशो में अक्सर तनाव का माहोल देखने को मिलता है इसमें एक प्रश्न यह भी रहता है की असल में किस देश के पास है दुनिया की असीम ताकत , लेकिन हम यह बात भी नही भूल सकते है की प्रकृति क्र सामने दुनिया के बड़े बड़े हथियार भी पानी के समान है , जब ऐसी परिस्थितिया बनती है मनाव जाती पर तब सायद ख्याल आता है मन में की इन सब को हटा कर हम अपने जन कल्याण के लिए कुह बेहतर कर सकते थे परन्तु नहीं खैर…!!
तो दोस्तों यह थी कुह ऐसी बाते जो यह कोरोना महामारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से हमे सिखाना और बताता है , मानव जाती को यह साडी बाते समझने की जरूरत है आप भी इन पर ध्यान दे – “आत्ममंथन “