समझौता नहीं निर्णय करें | Life Managment Tips Hindi

हमेशा समझौता करना ही हल नहीं होता! 

हमारे लाइफ में रिश्ते बन तो जाते हैं, लेकिन उन्हें निभाना इतना आसान कहां। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम सभी धैर्य, संयम और सुनने-समझने का मोल भूलते जा रहे हैं और इसका असर हमारे सम्बंधों पर पड़ने लगा है। अमूमन हम सभी इस उधेड़बुन में कभी न कभी जरूर उलझ जाते हैं कि किसी रिश्ते को बचाए रखने के लिए कहां तक झुका जा सकता है?

तो चलिए आज इसी विषय में कुछ जानकारियां आपको देते हैं, जिसमें हम जानेंगे की क्या हमेशा हमें चीजो को ले कर समझौता करना सही होता है या गलत.

यहां प्रश्न यह है कि सम्बंध निभाते रहने के लिए किन बातों को नजर अंदाज किया जा सकता है और कौन-सी वे बातें हैं, जिन्हें लेकर समझौता कतई नहीं किया जाना चाहिए। आइए नजर डालते हैं।

LIFE MANAGMENT TIPS HINDI
LIFE MANAGMENT TIPS HINDI

TABLE OF CONTENT-

  • आत्मसम्मान की रक्षा (Protect Self Esteem)
  • अपने शौक़ याद रखें (Remember Your Hobbies)
  • खुद को न भूलें (Don’t Forget Yourself)
  • निजता भी ज़रूरी है (Privacy Is Also Important)
  • प्राथमिकताएं पहचानें (Identify Priorities)
  • दोस्तों की अलग जगह (Friends Place)
  • अपनी राय दे (Give Your Opinion)
  • परिवार का सम्मान हो(Respect The Family)

आत्मसम्मान की रक्षा (Protect Self Esteem)–

एक रिश्ते में सबसे अहम होता है आपका आत्मसम्मान। आपकी कुछ बातों को लेकर मजाक बनाना या आलोचना करना, साथी की आदत हो सकती है, लेकिन यदि यह रोज होने लगे, तो समझ जाइए कि ऐसा जानबूझकर किया जा रहा है। अगर आपका साथी आपको बुरा महसूस कराने का आदी है, आपके व्यक्तित्व और व्यवहार शैली का मजाक उड़ाता रहता है, तो ऐसे में संभल जाइए और उसे उसकी इस आदत का अहसास दिला दीजिए, क्योंकि आत्मसम्मान से समझौता बाद में घुटन बन जाता है।

अपने शौक़ याद रखें (Remember Your Hobbies)-

यदि आप अक्सर महसूस करते हैं कि रिश्ते में आने के बाद आप ख़ुद को लेकर नकारात्मक या उदास होते जा रहे हैं, तो इसे खतरे की घंटी मानें। गर रिश्ते से आपकी जिंदगी में ख़ुशी ही नहीं है, तो इसके क्या मायने रह जाते हैं? इसके साथ ही अपने शौक़ न भूलें। अपनी अभिरुचियों को पनपने दें। यदि आपका साथी आपकी हॉबीज को नापसंद करता है, उनका मखौल उड़ाता है, तो दुखी या बुरा महसूस न करें। वही करें जो आपको पसंद है।

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खुद को न भूलें (Don’t Forget Yourself)–

एक रिश्ते में रहते हुए थोड़ा-बहुत बदलना स्वाभाविक है, लेकिन आप पूरी तरह बदल जाएं, यह ठीक नहीं है। ध्यान रहे कि रिश्ते के मुताबिक़ ढलते हुए आप ख़ुद को ही न भूल जाएं। जिन बातों को लेकर आप महसूस करते हैं कि वह आपकी इंडिविजुएलिटी यानी व्यक्तित्व से जुड़ी हैं, आपके मूल स्वभाव से जुड़ी हैं, तो उन पक्षों पर न झुकें।

निजता भी ज़रूरी है (Privacy Is Also Important)–

अपनी निजता का भी ख्याल रखें। रिश्ते में होने का अर्थ यह कतई नहीं है कि आपकी आजादी नहीं बची। अपने पर्सनल स्पेस, मी-टाइम और प्राइवेसी को लेकर समझौता करने से बचें। अगर आपको अकेले समय बिताना पसंद है तो ये बात पहले ही साफ़ कर दें, ताकि बाद में मुश्किल न हो। फाइनेंस और इन्वेस्टमेंट से जुड़े फैसलों में भी बराबर की भागीदारी रखें।

प्राथमिकताएं पहचानें (Identify Priorities)–

हम सब के लिए अपना कॅरियर, पेशा और महत्वाकांक्षाएं बहुत महत्वपूर्ण होती हैं। एक अच्छा और समझदार साथी हमेशा आपको आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। लेकिन, जब आप महसूस करें कि आपका पार्टनर आपके लिए रोड़े ही खड़े करता रहता है तो ऐसे रिश्ते की क्या अहमियत रह जाती है? एक प्यार करने वाला साथी हमेशा ध्यान रखेगा कि आपके उद्देश्य और प्राथमिकताएं क्या हैं और उन्हें हासिल करने में हमेशा आपकी मदद ही करेगा। इसलिए, अपने कॅरियर से जुड़ी प्राथमिकताओं को लेकर स्पष्ट रहें और समझौता नहीं करें।

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दोस्तों की अलग जगह (Friends Place)–

अमूमन देखा जाता है कि रिश्ते में दोनों को एक दूसरे के दोस्तों से असहजता होती है। साथी की अपेक्षा होती है कि आपके जो दोस्त उन्हें पसंद नहीं हैं, आप उनके साथ समय न बिताएं। ऐसे में खुलकर बात करें कि वे ऐसा क्यूं समझते हैं। गर उनकी बातों में आपको तार्किकता लगे, तो स्थिति को समझें, अन्यथा अपनी दोस्ती पर आंच न आने दें। जिंदगी में जैसे आपका रिश्ता अहम है, वैसे ही आपके दोस्त भी आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं।

अपनी राय दे (Give Your Opinion)–

एक कामयाब रिश्ते की निशानी होती है कि आप दोनों, एक-दूसरे के विचारों और सुझावों का सम्मान करें। कोई भी फैसला लेते हुए दोनों की रायशुमारी होना अहम है। तसल्ली से उन्हें सुनें, लेकिन जरूरी नहीं है कि आप हमेशा उनकी बात मानें भी। कुछ बातों को लेकर दोनों की राय अलग होना लाजिमी है। अपने हर फैसले के लिए उनकी हां पर निर्भर नहीं रहें।

परिवार का सम्मान हो (Respect The Family)–

कई मर्तबा ऐसे हालात बन जाते हैं, जहां आपके साथी और परिवार के सदस्यों के बीच अच्छे रिश्ते नहीं रहते। जाहिर तौर पर ऐसी स्थिति से गुजरना आसान नहीं है। गर आपको लगता है कि आपका पार्टनर आपके परिवार के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करता है, उनका सम्मान नहीं करता तो आपको इस बारे में सोचने की जरूरत है, क्योंकि रिश्ता कोई भी हो निबाह दोनों ओर से होना जरूरी है।

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