Life is a journey जाने कैसे | जिन्दगी जीने के सही मायनो को जाने

Life is a journey | समझें कि जीवन एक यात्रा है 

जीवन एक सफ़र हैं  life is a journey यह कहना कोई गलत नहीं होगा. हम अपने लाइफ के इस सफ़र में बहुत सी चीजो से हो कर गुजरते हैं, साथ ही कई तरह के मोड़ हमारी life में आते हैं. आपका प्रत्येक कदम मील का पत्थर हो सकता है, बशर्ते कि हर कदम पूरे होश एवम् जोश के साथ उठाया जाय. आप चाहे तो अपने life को aim दे सकते हैं. चलिए यह जानते हैं की life is a journey यह बात कैसे सही हैं और जानते हैं की इस लाइफ की जर्नी को कैसे तय किया जाय.

life is a journey को निचे बताए बातो से जोड़ कर समझे.

  • सफ़र और जिन्दगी निश्चित नहीं हैं.
  • सकारात्मक भाव से जीवन का सफ़र.
  • लाइफ के मायने समझे इसे बेकार न जाने दे .
  • लाइफ को पाजीटिव तरीके से देखें.
  • भविष्य की तैयारी और वर्तमान में रहें.
  • लाइफ बहती हुई नदी के जैसे हैं .
  • डर से लड़ कर लाइफ को पकडे
  • Destination को समझे और आगे बढे.

सफ़र और जिन्दगी निश्चित नहीं हैं (Journey and life are not fixed):-

जिन्दगी एक ऐसा सफर है, जिसमें मौत के अलावा कुछ भी निश्चित नहीं है. निश्चित् मौत भी कब, कहाँ और किस मौड़ पर मिलेगी, यह भी Fixed नहीं है. जिन्दगी के सफर में कब कौनसी सफलता उपलब्ध होगी, यह भी निश्चित नहीं हैं. अर्थात् अनिश्चित्ता भरे इस सफर में केवल ‘आनन्द’ को ही सुनिश्चित किया जा सकता है. याद रखें, आनन्द ही एक मात्र ऐसा विकल्प है, जिसे बिना किसी प्रतिफल के प्राप्त किया जा सकता है. और हाँ, जहाँ आनन्द होगा, वहाँ Success का साम्राज्य अवश्य होगा. (यह भी पढ़ेसक्सेस थाट्स हिंदी में )

सकारात्मक भाव से जीवन का सफ़र (life journey with positive attitude):– 

life journey के दौरान जिन व्यक्तियों, वस्तुओं और स्थानों से होकर आप गुजरते हैं, उन सबको साक्षी भाव से देखते चलें. सबके प्रति Positive भाव रखते हुए सबका सदुपयोग करते चलें. जब भी चलें, सचेत होकर चलें. सफर के सभी पालो को जीते चले, केवल destination पर ही नजर न रखें. ‘आह ! कितना लम्बा सफर करना है. ऐसा intent भी न रखें.

लाइफ के मायने समझे इसे बेकार न जाने दे (Understand the meaning of life, don’t let it go to waste):-

Meaningful Journey को व्यर्थ मत बनाइए, Journey (सफ़र) के हर क्षण को सार्थक बनाइए. हर ‘आह’ को ‘अहा’ में और ‘अहा’ को ‘वाह’ में बदलते चलें. सफर को अपने नाम और अपने को सफर के नाम करते चलें. सफलता कितनी मिलती है, यह महत्वपूर्ण नहीं है, यात्रा कितनी सफल रहती

लाइफ को पाजीटिव तरीके से देखें (look at life in a positive way):-

लाइफ का प्रत्येक क्षण वस्तुतः कितना अद्भुत, आनन्ददायक एवम् महत्वपूर्ण है. हर क्षण कितना अनमोल, अद्वितीय एवम् अपने आप में परिपूर्ण है. यहाँ सब कुछ कितने आनन्द से भरा हुआ है, बस आपके देखने की देर है.

इसलिए अपने आप को देखो, अपने आस-पास की रंगीन दुनिया को देखो, अपने आस पास Nature को देखो. आँखों से ही नहीं, कानों से भी देखो. कानों से ही नहीं, आँखों से भी सुनो. देखने और सुनने से पहले जरा आनन्द से भरो. तब आपके सफर में आनन्द ही आनन्द होगा. (यह भी जाने – हमेशा सकारात्मक कैसे रहें)

भविष्य की तैयारी और वर्तमान में रहें (prepare for the future and be in the present):-

दूर अंधेरे में देखने की बजाय अपने आस-पास देखें. वर्तमान को वर्तमान में ही देखें. यही eternal है, यही सत्य है, यही नित्य है. जीवन कोई दर्दनाक अथवा खतरनाक अभियान नहीं होता, जीवन तो हर पल जीने के लिए होता है. उदास या नाराज व्यक्ति का कोई हम सफर नहीं होता, वह तो हमेशा जहर से भरा होता है. इसलिए सफर तब ही सार्थक होगा, जब उत्साह, उमंग और उत्सव से भरा होगा.

लाइफ बहती हुई नदी के जैसे हैं (Life is like a flowing river):

जिस प्रकार आप नदी के प्रवाहित जल में दुबारा स्नान नहीं कर सकते, उसी प्रकार आप एक रास्ते से दुबारा नहीं गुजर राकते. ध्यान रहे, Time भी जल के जैसे ही निरन्तर बहता रहता है कहने का मतलब हैं की हर सफर एक नया सफर होता है, भले ही एक ही रास्ते से रोजाना आना-जाना पड़ता हो निरन्तर बदलाव और  समय के प्रवाह को यदि हम assimilated (आत्मसार) कर लें तो फिर हमें हर सफर नया सफर ही प्रतीत होगा.

सफल होने के लिए जाने इन सक्सेस सीक्रेट कोक्लिक करें

डर से लड़ कर लाइफ को पकडे (fight with fear and hold on to life):-

व्यक्ति सदैव भय एवम् आशंकाओं से घिरा रहता है, इसीलिए journey का आनन्द नहीं उठा पाता है. अफसोस कि वह लाइफ में कुछ भी नहीं पकड़ पाते है, और इसी जद्दोजहत में अचानक अन्तिम पड़ाव आ जाता है याद रखें, आनन्द को पकड़ने के लिए भय और आशंकाओं से ऊपर उठना होगा. डर और आशंकाओं से ऊपर उठने के लिए अपने सफर से जुड़ना होगा.

Destination को समझे और आगे बढे (Understand the destination and move forward):- 

यदि हम केवल Destination के विषय में ही सोचते रहेंगे तो सफर का आनन्द नहीं उठा पायेंगे. और तब समूचा जीवन ही हमारे लिए अर्थहीन हो जायेगा. Destination तो आयेगा ही, किन्तु कभी अचानक नहीं आयेगा. उसके लिए हमें कदम दर कदम चलना होगा. हर कदम को गन्तव्य समझना होगा. हमें यह तो पता नहीं है कि Destination कब, कहाँ और किस रूप में आयेगा? लेकिन हमें यह जरूर पता होना चाहिए कि Destination हमारे चलने पर ही आयेगा. इसलिए जरूरी है, होशपूर्वक चलें, सफर के हर क्षण को महत्वपूर्ण समझें.

इन्हें भी एक बार जरूर पढ़े:-

Leave a Comment