मेरे बचपन की यादें | my childhood memories

बचपन की यादें –

हेल्लो दोस्तों कैसे हैं आप सब लोग, क्या आपको अपना बचपन याद हैं और याद हैं कौन कौन सी बाते ? आज हम यद् करेंगे बचपन की वो यादे बचपन के वो दिन के बारे में ,आज आपको बताने जा रहे ऐसे ही कुछ बेहतरीन यादों को कृपया पूरा पढ़े !!
 

बचपन की यादे :-

  1. किस्से 
  2. खेल
  3. स्कूल के दिन
  4. छोटे सपने 
  5. असली मस्ती 
  6. चाहत

1.किस्से(Stories)- 

बचपन में दादी नानी के कहे गए किस्से , शायद वो केवल किस्से और कहानी मात्र नहीं होते … वो होते है उनके अपने समय के खुद के अनुभव जिसे वो ,हमारे बचपन को खास बनाने के लिए सुनाया करती है उस कहानियो और किस्सों को ही हम अपने आने वाले उम्र में समय के साथ सामने देख पते है !!

2.खेल(Play)– 

बचपन के खेल आज के खेल से काफी हट कर और आसन हुआ करती थी , जहा बड़े बड़े मसले हम ऐसे ही भूल जाया करते थे मनो जैसे कुछ हुआ ही न हो , और एक आज का खेल है जहा एक छोटी सी भूल आपको हमेसा के लिए हरा देती है !

3.स्कूल के दिन(School Day 

शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसे अपने सुरवाती स्कूल याद न हो , अपने दोस्तों के साथ मस्ती भरे दिन बिताना , प्राथना के समय अपनी एक आख खोल कर यह देखना की किसने किसने आखे बंद नहीं की है , कक्षा में पढाई करते वक्त स्याही खत्म हो जाने पर दोस्त से पेन उधर मांगना और न मिलने पर मुह फुला लेना , न जाने ऐसे कितने ही किस्से जो सब सब बचपने को दर्शाती है !!

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4.छोटे सपने(Small Dreams)– 

बचपन में चाँद को देख कर उसकी चाह रखना उसे मामा कह कर अपना पन महसूस करना , आनंद की एक अलग ही अनुभूति हुआ करती थी …. बचपन के सपने छोटे होते हुए भी कितने हसीन हुआ करते थे , बात माँ के साथ बाजार जाने की हो या पापा के साथ उनके सायकल के आगे बैठने की चाह रखना हर चीज एक सपने से कम कहा हुआ करती थी !

5.असली मस्ती(Real Fun)– 

बचपन के न जाने कितने ही खेल हमारी दिनचर्या का सबसे मस्ती भरा पल हुआ करता था …|चाहे वो लुका छुपी का खेल हो , अँधा शेर या फिर कंचे गोलिया …अब तो सब जैसे सिमट ही गया है बस्ते जैसे जिंदगी के बोझ , धुनिकता और इन्टरनेट के तले !

6.चाहत(Wanting)– 

हम, कभी भी आज में नहीं जीते , हमेसा कल में ही रहते है चाहे वह आने वला कल हो या बिता हुआ …| बचपन में जवानी की चाहत रखते थे , और जवानी में बचपन की ..याद करते रहते है बीते हुए कल को और फ़िक्र करते रहते है आने वाले कल की … मुस्कराहट के छाव के निचे पलने वाला बचपन , खुशियों की गलियों में खिलखिलाता वो बचपन सच मुच अज दब गया है दुनिया दारी में !!

“बचपन से जुडी यादें” इसके बारे में पढने के लिए आपका धन्यवाद !

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