अच्छी परवरिश की राह में ये 5 बातें आएंगी काम | Parenting Tips in Hindi

Baccho Ki Parvarish Kaise Kare

परवरिश दुनिया का सबसे चुनौतीपूर्ण काम है, लेकिन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखें तो कुछ आसानी हो सकती है। यदि आप एक ही मंत्र याद रखने से सरलता हो जाती है – ‘बच्चा हर बात अपने माता-पिता से ही सीखता है।’ इसलिए जो माता-पिता करेंगे, वही बच्चे भी करेंगे। इसी लिए आज के इस पोस्ट में हम अच्छी परवरिश के लिए Parenting Tips  की कुछ बाते बताने जा रहे हैं, जिसके जरिये आप अपने बच्चो की परवरिश अच्छे तरीके से कर पाएंगे.

बच्चो की परवरिश में जितना रोल उनकी आदतों और उनके दिमागी विकाश की होती हैं, उतनी ही जरूरत उनके शाररिक विकाश की भी होती हैं. तो आइये जानते हैं उन्ही के बारे में.

PARENTING TIPS IN HINDI
PARENTING TIPS IN HINDI

TABLE OF CONTENT: –

  • समय से सोना और समय से उठाना-
  • खाना वही जो , बच्चों के लिए हो सही-
  • नियम सिखाएं पर खेल-खेल में-
  • लालच बुरी बला है, यह समझाना-
  • बच्चों को जीवनी से जोड़े-
  • किताबों के साथ साथ प्रैक्टिकल नालेज दे-

समय से सोना और समय से उठाना- 

बच्चे को सेहतमंद रखने का सबसे पहला फंडा है अच्छी नींद। नींद पूरी न होने पर बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ने लगता है और उनकी मानसिक क्षमता पर असर पड़ता है। नतीजतन, वो पढ़ाई से दूरी बनाते हैं। बच्चों के देर से सोने की आदत उन्हें स्कूल के लिए उठने में दिक्कत पैदा है करती है. फिर भागमभाग करने से खीझ व उकताहट पैदा होने लगती है. इसलिए अच्छी और भरपूर नींद लेने का नियम पूरे घर के लिए लागू रखें . ताकि बच्चों के सामने सही उदाहरण रहे।

खाना वही जो , बच्चों के लिए हो सही-

ज़्यादातर बच्चों को जंक फूड भाता है, लेकिन इसे महीने में दो बार से ज्यादा नहीं देना चाहिए वरना बच्चों का इसके प्रति लगाव और बढ़ने लगता है। बच्चों के लिए खाने की चीजों को थोड़ा अलग तरह से बनाएं और उन्हें एक खूबसूरत-सा नाम दें। जैसे- कई तरह की सब्जियों को मिलाकर दलिया बनाएं और इसे डोरेमॉन का दलिया का नाम दे सकती हैं। पराठों को अलग-अलग आकार में बनाएं और उन्हें आकार के नाम याद करना सिखाएं, जैसे गोल, चौकोर, सितारा।

इससे वे खाने को लेकर नखरे नहीं करेंगे, बल्कि रुचि लेकर नामकरण भी करेंगे और खाने का आनंद भी लेंगे। यह भी याद रखें कि खान-पान को लेकर घर के बड़े भी ना-नुकर ना करें। अगर किसी एक के नखरे बर्दाश्त किए जाएंगे, तो बच्चे भी इसी को अपने लिए अपनाने की पेशकश कर सकते हैं।

नियम सिखाएं पर खेल-खेल में-

देखिये एक बेहतर जीवन के लिए बेहतर नियम का होना अति आवश्यक माना जाता हैं. तो बच्चों को अच्छा बर्ताव सिखाने के लिए सबसे पहले माता-पिता को ऐसा ही करना पड़ेगा। बच्चों को किसी भी काम को लगातार करते रहने या जबरदस्ती करने को ना कहें. बस, इसे सतत करते रहने की आदत डालने की जरूरत है क्योंकि वे जल्दी ही ऊब जाते हैं। बड़े नियम मानेंगे, उनके पालन के पीछे तर्क को कारण के रूप में रखेंगे, तो बच्चे जरूर मानेंगे जैसे- हेलमेट पहनना क्यों जरूरी है, कार चलाते समय सीट बेल्ट क्यों पहनते हैं, घर में मेहमान के प्रति कैसा व्यवहार करना चाहिए, किससे कैसे बात करना चाहिए आदि.

लालच बुरी बला है, यह समझाना-

अक्सर माएं बच्चों को खाना खिलाने के लिए चॉकलेट या मोबाइल देने का लालच देती हैं ताकि बच्चे आसानी से खाना खा सकें। इसी तरह कई मांएं बच्चों को होमवर्क करने पर बाहर घुमाने ले जाने के लिए भी कहती हैं.  पेशकश बच्चों में लालच की प्रवृत्ति को बढ़ावा दे सकती हैं ऐसा करने पर बच्चों में हर बार एक काम के बदले किसी दूरी चीज को पाने का लालच बढ़ता है। धीरे-धीरे स्थिति गंभीर हो सकती है। इसलिए शुरुआत से ही उनके साथ ऐसा न करें। उन्हें चॉकलेट भी दें और घुमाने भी ले जाएं लेकिन शर्तों के फेर में न फंसें। इस समस्या का समाधान ढूंढें। जैसे- बच्चों को खाना खिलाते समय कहानियां सुनाएंगी तो वो नखरे नहीं करेंगे।

बच्चो को जीवनी से जोड़े-

जैसा की आप जानते हैं की बच्चे सुरवात में गीली मिट्टी की तरह होते हैं और उन्हें हम जिस आकर में ढालना चाहे उस आकर में ढाल सकते है. ऐसे में बच्चों को जीवनी यानी की महापुरुषों और महान लोगों की बायोग्राफी पढाए, दिखाएँ, सुनाये ताकि वे उनकी जीवनी से प्रेरणा ले सके और अपने जीवन में उन बातों को अपना सके जो उन्होंने जीवनियों में पढ़ा हुआ हैं.

इससे बच्चे में मानसिक विकास तो होता ही हैं, साथ ही साथ उनका तर्कसंगत और सोचने की शक्ति बढती जाती हैं. और यही बच्चो के उज्ज्वल भविष्य के लिए उनका पहला रास्ता होता हैं.

किताबो के साथ साथ प्रैक्टिकल नालेज दे-

किताबों में तो कई सालो की रिसर्च और कई तरह के ज्ञान छुपी होती हैं पर कुछ ऐसी चीजे भी होती हैं लाइफ में जिसे बदलते समय और बदलते जमाने के साथ साथ बदलना पड़ता है. बच्चो को किताबी ज्ञान के अलावा लाइफ की प्रैक्टिल नालेज भी दे जैसे – रास्तो और लोगो के नाम याद रखने को कहना, लोगो से फोन में बात करने का तरिका, यातायात के नियम, मानव अधिकार की जानकारी और भी ऐसी कई चीजे.

तो दोस्तों उम्मीद हैं की इस आर्टिकल में बताई गयी बातें और सरे टिप्स आपको अच्छे लगे ही और काम के लगे हो. यदि यह आर्टिकल आपको उपयोगी लगते हैं तो इसे शेयर जरूर करें – “धन्यवाद” 

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