सकारात्मक सोच की ताकत
दोस्तों एक बात तो आप सब जानते हैं कि किसी भी इंसान की मृत्यु पानी में गिरने से नहीं होता बल्कि उसकी मृत्यु पानी में तैरना ना आने के कारण होता है !ठीक है से ही हमारी जिंदगी में आने वाली परिस्थितियां कभी भी समस्या नहीं बनती, समस्या तब बनती है जब उनसे हमें निपटना नहीं आता .
आज किस आर्टिकल में आपको कहानी के जरिए पता चलेगा की पॉजिटिव सोच की ताकत क्या होती है कैसे हम सकारात्मक सोच के जरिये परिस्थितियों को समझ पाते है-
एक समय की बात है कि एक राज्य में एक राजा था और वह एक आंख से विकलांग था लेकिन उसे अपने विकलांग होने पर कोई मलाल नहीं था और उनकी प्रजा भी बहुत खुश थी कि हमें इतना अच्छा राजा मिला है सब कुछ राज पाठ और प्रजा सकुशल से चल रहे थे !
एक दिन राजा ऐसे ही राजा अपने शयनकक्ष में अपने पूर्वजों की बनी हुई तस्वीरों को देख रहे थे , और ऊपर वाले का शुक्रिया अदा कर रहे थे कि मुझे इतनी शूरवीर और प्रतापी राजाओं के वंश में पैदा किया .
दीवारों पर लगी चित्रों को देखते हुए वह अचानक रुका और देखा कि उस चित्रों की लाइन में आखरी जगह खाली थी और उसे यह भी पता होता है कि वह आखिरी जगह जो खाली है वहां पर उसकी खुद की चित्र लगने वाली है .
राजा चिंतित होता है इस बात से नहीं कि वह मरने वाला है बल्कि इस बात से कि वह यह सोच रहा था कि जब मेरी चित्र बनाई जाएगी तो उसमें भी मुझे अंधा दिखाया जाएगा और इन सभी सुंदर चित्र के साथ मेरी चित्र बहुत ही खराब लगेगी .
तभी राजा के मन में एक बात आता है कि ना जाने मेरे मरने के बाद यहां मेरी कैसी चित्र लगाई जाएगी , इससे बेहतर है कि मैं जीते जी अपना एक चित्र बनवा कर यहां लगा दु , और इसी के साथ पूरे राज्य में घोषणा कर दी जाती है कि जो भी पेंटर राजा की सबसे सुंदर तस्वीर बनाएगा उसे वैसा ही इनाम दिया जाएगा !!
सभी चित्रकारों को पता था की चित्र अच्छा बनने पर इनाम तो अच्छा मिलेगा मगर चित्र अच्छा कैसे बनेगा राजा तो विकलांग है ! और सभी के मन में एक डर था कि चित्र अच्छा ना बना तो सजा भी भयानक मिलेगी इसलिए कोई पेंटर आगे नहीं आता .और तभी एक बच्चा कहता है – कि राजा साहब मैं आपका पेंटिंग बनाऊंगा , बस मुझे 24 घंटे का वक्त दीजिए तभी वहां खड़े बड़े-बड़े चित्रकार आश्चर्य में पड़ जाते हैं कि यह छोटा सा लड़का क्या चित्र बनाएगा !
राजा हामी भरते हुए कहते हैं – ठीक है आप 24 घंटे बाद चित्र बना कर लाइये !
अगले दिन उसी समय पर पूरा राज दरबार लोगो की भीड़ लग गयी थी , पूरा राजदरबार भरा हुआ था ! उस राजदरबार में दूर दूर से लोग देखने आए थे कि ” वो लड़का आखिर क्या तस्वीर बना कर लाएगा ”
और जब वह लड़का राजा का चित्र ( पेंटिंग ) बना कर लाया तो वहाँ खड़े सारे लोग जोरो से ताली बजाने लगे और चित्र देख कर राजा भी खूब प्रसन्न हुआ .
विकलांग राजा ने कहा – ” इससे अच्छा पेंटिंग तो मैंने कही नही देखा, यह सच मे कमाल है “और राजा ने उसे मुँह मांगा इनाम दिया !
आप सोच रहे होंगे कि आखिर उस लड़के ने कैसी चित्र बनाई होगी तो जो चित्र उस लड़के ने बनाया था उसमें
राजा को घोड़े में सवार दिखाया गया था और वह घोड़े में सवार हो कर तीरंदाजी कर रहे थे और तीर मारते वक्त उनकी एक आँख बंद होती है ! वही वाली आँख बंद थी जो राजा की नही थी और वह पेंटिंग सर्वश्रेष्ठ बना !
कहानी से शिक्षा – दोस्तो उस लड़के के सामने भी चुनौती थी , उसके सामने भी संकट था और वह भी फस गया था एक ऐसी परिस्थिति में जो बहुत कठिन था पर उसने कभी सकारत्मक भाव और सकारात्मक सोच को कभी नही छोड़ा हिम्मत नही हारी और अपने लगन और मेहनत से अपने काम को किया !!
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