Swami Vivekanand Ki mrityu kaise hui स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु कैसे हुई ?

प्रश्न – स्वामी विवेकानंद जी की मृत्यु कैसे हुई ?

उत्तर – उनके निधन की वजह तीसरी बार दिल का दौरा पड़ना था |

विवेकानंद ओजस्वी और सारगर्भित व्याख्यानों की प्रसिद्धि विश्व भर में है। जीवन के अन्तिम दिन उन्होंने शुक्ल यजुर्वेद की व्याख्या की और कहा-“एक और विवेकानन्द चाहिये, यह समझाने के लिये कि इस विवेकानन्द ने अब तक क्या किया है।” उनके शिष्यों के अनुसार जीवन के अन्तिम दिन 4 जुलाई 1902  को भी उन्होंने अपनी ध्यान करने की दिनचर्या को नहीं बदला और प्रात: दो तीन घण्टे ध्यान किया और ध्यानावस्था में ही अपने ब्रह्मरन्ध्र को भेदकर महासमाधि ले ली। बेलूर में गंगा तट पर चन्दन की चिता पर उनकी अंत्येष्टि की गयी। इसी गंगा तट के दूसरी ओर उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस का सोलह वर्ष पूर्व अन्तिम संस्कार हुआ था।

उनके शिष्यों और अनुयायियों ने उनकी स्मृति में वहाँ एक मन्दिर बनवाया और समूचे विश्व में विवेकानन्द तथा उनके गुरु रामकृष्ण के सन्देशों के प्रचार के लिये 130 से अधिक केन्द्रों की स्थापना की।

अपनी भविष्यवाणी को पूरा किया

विवेकानंद ने अपनी मृत्यु के बारे में पहले की भविष्यवाणी कर रखी थी कि वह चालीस वर्षों तक जीवित नहीं रहेंगे.इस प्रकार उन्होंने महासमाधि लेकर अपनी भविष्यवाणी को पूरा किया |

 

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