आज इस तरह करें मां कात्यायनी का पूजन, दूर होंगी सभी रूकावटें
स्कंद पुराण में कहा गया है कि देवी के कात्यायनी रूप की उत्पत्ति परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से हुई थी
वहीं वामन पुराण के अनुसार सभी देवताओं ने अपनी ऊर्जा को बाहर निकालकर कात्यायन ऋषि के आश्रम में इकट्ठा किया और कात्यायन ऋषि ने उस शक्तिपूंज को एक देवी का रूप दिया.
जो देवी पार्वती द्वारा दिए गए सिंह (शेर) पर विराजमान थी. कात्यायन ऋषि ने रूप दिया इसलिए वो दिन कात्यायनी कहलाईं और उन्होंने ही महिषासुर का वध किया.
इसलिए पूजा करते समय उन्हें पुष्प और जायफल ज़रूर अर्पित करें. मां को प्रसन्न करने के लिए 3 से 4 पुष्प लेकर मां कात्यायनी के मंत्र का 108 बार जाप करना फलदायी होता है