आज इस तरह करें मां कात्यायनी का पूजन, दूर होंगी सभी रूकावटें
स्कंद पुराण में कहा गया है कि देवी के कात्यायनी रूप की उत्पत्ति परमेश्वर के नैसर्गिक क्रोध से हुई थी
वहीं वामन पुराण के अनुसार सभी देवताओं ने अपनी ऊर्जा को बाहर निकालकर कात्यायन ऋषि के आश्रम में इकट्ठा किया और कात्यायन ऋषि ने उस शक्तिपूंज को एक देवी का रूप दिया.
जो देवी पार्वती द्वारा दिए गए सिंह (शेर) पर विराजमान थी. कात्यायन ऋषि ने रूप दिया इसलिए वो दिन कात्यायनी कहलाईं और उन्होंने ही महिषासुर का वध किया.
मां कात्यायनी की पूजा विशेष प्रकार से करनी चाहिए. इसके लिए प्रात:जल्दी उठकर नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें डालकर स्नान करें
मां की पूजा में नारियल, कलश, गंगाजल, कलावा, रोली, चावल, चुन्नी, शहद, अगरबत्ती, धूप, दीया और घी का प्रयोग करना चाहिए. देवी को फूल और जायफल प्रिय हैं