तेरी आँखों की कशिश कैसे तुझे समझाऊं उन चिरागों ने मेरी नींद उड़ा रखी है
कभी आओ मेरे दर्द की ज़्यारत करने मुरीद हो जाओगे ये वादा है मेरा
अब तो दमन-इ- दिल चोर दो बेकार उमीदो बहुत दर्द सह लिया मैंने बहुत दिल जी लिया मैंने
नहीं आती खबर कोई जंग की दुस्मानो के सहर से केह रहे थे तुम निपट लो पहले दोस्तों से अपने