तमन्ना तेरे जिस्म की होती तो छीन लेते दुनिया से मोहब्बत तेरी रूह से की इसलिए मांगते हैं खुदा से
अगर प्यार से कोई फूंक मारे तो बुझ जाएंगे नफरत से तो बड़े बड़े तूफ़ान बुझ गये मुझे बुझाने में
मेरी मिज़ाज़ को समझने के लिए बस इतना ही काफी है मई उसका हरगिज़ नही होता जो हर एक का हो जाये
हम न बदलेंगे वक़्त की रफ़्तार के साथ जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा