गलतफहमी की गुंजाईश नहीं सच्ची मोहब्बत में जहाँ किरदार हल्का हो कहानी डूब जाती है
उदासियाँ इश्क़ की पहचान है मुस्कुरा दिए तो इश्क़ बुरा मान जायेगा
माना की उससे बिछड़कर हम उमर भर रोते रहे पर मेरे मार जाने के बाद उमर भर रोएगा वो
दिल में तुम्हारी अपनी कभी चोर जायेंगे आँखों में इंतज़ार की लकीर छोड़ जायेंगे