माँ की तरह कोई और ख्याल रख पाए ये बस ख्याल ही हो सकता है
नहीं हो सकता कद तेरा ऊँचा किसी भी माँ से ए खुदा तू जिसे आदमी बनाता है, वो उसे इन्सान बनाती है
बूढ़े हो जाते है माँ बाप औलाद की खुशियों की फ़िक्र में औलाद समझती है असर उम्र का है
हज़ारो गम हो फिर भी मैं ख़ुशी से फूल जाता हूँ जब हस्ती है मेरी माँ मै हर ग़म भूल जाता हूँ